जागरण टीम, बरबीघा/शेखपुरा:
शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड अंतर्गत कुटौत और पिजड़ी गांव में दो दर्जन कुत्तों की अचानक मौत होने से गांव वालों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। पहली घटना पिजड़ी गांव में घटी। यहां पिछले एक सप्ताह में एक दर्जन से अधिक कुत्तों की मौत हो गई। जिसमें कुत्ते के बच्चे भी शामिल हैं। जबकि बुधवार की सुबह कुटौत गांव में आठ से अधिक कुत्तों की मौत हो गई। जिसमें कुत्ते के बच्चे भी शामिल हैं।
वहीं गांव वालों के द्वारा सूचना दिए जाने पर भी पशुपालन विभाग ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। इस संबंध में कुटौत गांव निवासी ग्रामीण रंजन कुमार, सुबोध कुमार इत्यादि ने बताया कि बुधवार की सुबह गांव के दो अलग-अलग स्थान पर आठ से अधिक कुत्तों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर कुत्ते के बच्चे हैं। इतनी अधिक संख्या में कुत्तों को मरा देख गांव वालों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। बाद में इसकी सूचना पशुपालन विभाग को दी गई परंतु वहां से कोई अधिकारी नहीं पहुंचे। शाम में गांव वालों के द्वारा मृत कुत्ते के शव को गड्ढे खोदकर उसमें दफना दिया गया। उधर, पिजड़ी गांव में पिछले एक सप्ताह में कुत्तों की मौत पर ग्रामीण कौशल कुमार, प्रभात कुमार, अजीत कुमार इत्यादि ने बताया कि एक सप्ताह में अचानक एक दर्जन से अधिक कुत्तों की मौत हुई है। कुत्ते पहले उल्टी करते हैं और फिर अचानक उसकी मौत हो जाती है। इस गांव में कुत्ते की लाश को गांव से बाहर ले जा कर फेंक दिया गया है। वहीं बरबीघा पशुपालन अस्पताल के चिकित्सक डॉ मंजीत कुमार ने बताया कि कुत्तों के इस तरह की बीमारी से मरने की कोई बात अभी तक सामने नहीं आई है। अचानक कुत्तों के मरने की वजह किसी प्रकार के जहर का सेवन भी हो सकता है। इस तरह के बीमारी कुत्तों में नहीं पाया जाता है। वहीं सीएस डॉ वीरकुंवर सिंह ने बताया कि उनको इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।
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Posted By: Jagran
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