बक्सर : कोरोना का आतंक इस समय सिर चढ़कर बोल रहा है। बुधवार को ऐसे ही एक मरीज के ट्रेन से आने की अफवाह से हड़कंप मच गया। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर चिकित्सकों की टीम ने मरीज को उतारा और उसकी जांच भी की। हालांकि, उसमें सर्दी-खांसी के अलावा अन्य लक्षण नहीं देखे गए। उप विकास आयुक्त अरविन्द कुमार ने बताया कि फिर भी संबंधित व्यक्ति को आब्जर्वेशन में रखा जाएगा। इसके लिए विभाग को निर्देशित किया गया है।
हुआ यूं कि ट्रेन पर सवार किसी यात्री ने जिलाधिकारी अमन समीर को उक्त मरीज के बारे में सूचना दी। संबंधित व्यक्ति मुंबई से आ रहा था। सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी ने इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉ.उषा किरण वर्मा को दी और मरीज को यहां स्थानीय रेलवे स्टेशन पर चिकित्सकों की निगरानी में उतारने और उसकी वहीं पर जांच करने की हिदायत दी। इसको लेकर स्टेशन पर हड़कंप की स्थिति व्याप्त रही। हालांकि, ट्रेन के आने और मरीज को उतारे जाने के पश्चात उसकी जांच कर चिकित्सक आश्वस्त हो गए कि उसको कोरोना जैसे लक्षण नहीं हैं। उसके बाद संबंधित व्यक्ति को घर जाने दिया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में अभी तक कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है। यह अच्छी बात है। हालांकि, उसके बाद भी सावधानी बरतनी जरूरी है।
नावानगर से पटना भेजा गया संदिग्ध मरीज
संवाददाता, नावानगर(बक्सर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के एक गांव से कोरोना के एक संदिग्ध मरीज को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.संजय ने बुधवार को पटना रेफर कर दिया। बताया जाता है कि संबंधित व्यक्ति हैदराबाद में नौकरी करता था और वहां से खांसी और बुखार लेकर वह लौटा है। घर वालों ने इसकी जानकारी मुखिया पंकज सिंह को दी। मुखिया ने संबंधित व्यक्ति की जांच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में करवाई। उसके बाद एम्बुलेंस के माध्यम से उसे पटना भेज दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि चूंकि, यहां जांच की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उसे पटना रेफर कर दिया गया।
Posted By: Jagran
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