गोपालगंज : कोरोना को लेकर अब लोग सतर्क हो गए हैं। खांसी- जुकाम, सर्दी व बुखार होने पर लोग पहले की तरफ खुद अपना इलाज करने की बजाय अब इलाज कराने अस्पताल जाने लगे हैं। सोमवार को भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर में खांसी, जुकाम से पीड़ित तीन सौ मरीज पहुंचे थे। चिकित्सक एक-एक मरीज की जांच कर लक्षण के आधार पर कुछ मरीजों का एक्सरे भी करावा रहे थे। इस दौरान खांसी- जुकाम से पीड़ित एक किशोर का एक्सरे रिपोर्ट देख चिकित्सक भी कुछ देर तक हैरान रह गए। इस किशोर का दिल सीने के दाहिने तरफ था। आमतौर पर मनुष्य का दिल सीने के बाएं साइड में होता है। एक्सरे रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सा डॉ. शशिशेखर सिंह ने इस किशोर का टेक्नीशियन से फिर एक्सरे करवाया। इस एक्सरे रिपोर्ट में भी पाया गया कि किशोर का दिल सीने के बाएं तरफ होने के बजाय सीने के दाएं तरफ है। डॉ.शशिशेखर सिंह ने बताया कि इसे चिकित्सीय भाषा में डेक्सट्रोकार्डिया कहा जाता है। किशोर प्रखंड क्षेत्र के मुंजा मटियारी गांव निवासी प्रमोद सिंह का पुत्र 14 वर्षीय सूरज कुमार बताया जाता है। यह खांसी जुकाम होने पर इलाज कराने समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर पहुंचा था। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आफताब आलम ने बताया कि डेक्सट्रोकार्डिया एक जन्मजात स्थिति है। जो जन्म के समय से ही ऐसा मौजूद रहता है। इसमें हृदय सीने के बाएं तरफ होने के बजाय सीने के दाएं तरफ स्थित रहता है। लगभग दस से बारह हजार बच्चों में से एक बच्चे दिल की सीने के दाएं साइड में मिलता है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे भी सामान्य जीवन जीते हैं।
Posted By: Jagran
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