मधुबनी। जिले में अपर समाहर्ताओं के चार पद स्वीकृत हैं। लेकिन यह चारों पद रिक्त पड़ा हुआ है। निदेशक-लेखा प्रशासन एवं स्व-नियोजन का भी पद रिक्त पड़ा है। वरीय उप समाहर्ताओं के भी अधिकांश पद रिक्त पड़े हैं। जिले में केवल एक वरीय उप समाहर्ता ही पदस्थापित हैं। इससे जिले में सरकारी कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिले में समाहर्ता के जो चार पद स्वीकृत हैं, उनमें अपर समाहर्ता-राजस्व, अपर समाहर्ता-आपदा प्रबंधन, अपर समाहर्ता-विभागीय जांच एवं अपर समाहर्ता-लोक शिकायत निवारण शामिल हैं। बीते नवंबर में मुख्यमंत्री ने मधेपुर प्रखंड के वरियरवा में पश्चिमी कोसी नहर प्रमंडल से जुड़े कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया था। इन योजनाओं के लिए भू-अर्जन, मुआवजा भुगतान की कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भी भू-अर्जन व मुआवजा भुगतान की कार्य प्रगति पर है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पोखर, अहर, पाइन आदि को अतिक्रमण मुक्त करने की भी कार्रवाई चल रही है। उक्त योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा जिलास्तर से संचालित होने वाले अन्य राजस्व, आपदा प्रबंधन, विभागीय जांच तथा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तथा अन्य विकासात्मक कार्य के लिए पर्यवेक्षण हेतु अपर समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी के पदस्थापन नहीं होने के कारण महत्वपूर्ण कार्यो का ससमय निष्पादन प्रभावित हो रहा है। जिस कारण जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर जिले में अपर समाहर्ता के सभी चारों रिक्त पदों पर तथा डीआरडीए निदेशक के रिक्त पद पर पदस्थापन करने का अनुरोध किया है, ताकि विभागीय कार्यो का ससमय निष्पादन कराने में सुविधा हो सके।
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Posted By: Jagran
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