जासं, छपरा : उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण कांत त्रिपाठी ने सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए न्यायालय में विशेष टीम का गठन किया है। टीम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उदय कुमार उपाध्याय, एडीजे-6 नूर सुल्ताना, एसीजेएम नवम- मोहम्मद इनाम खान, कोर्ट मैनेजर अनारसी राय को शामिल किया गया। उसके बाद सुबह 10 बजे कोरोना वायरस से बचने को लेकर जेल अधीक्षक के साथ बैठक की। दोपहर 1:30 बजे एडीजे प्रथम, एडीजे-6, एसीजेएम नवम, डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसपी हरकिशोर राय, सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, न्यायालय के चिकित्सक डॉ फिरोज कमर, कोर्ट मैनेजर के साथ भी जिला जज ने बैठक की।
उन्होंने उच्च न्यायालय के निर्देश पर आवश्यक दिशानिर्देश जारी किया। उन्होंने बताया कि 31 मार्च तक किसी भी फौजदारी या दीवानी मामलों में अदब पैरवी कोई भी फैसला पक्षकारों के विरुद्ध पारित नहीं किया जाएगा। किसी भी फौजदारी मामले में किसी भी मुदालह की जमानत याचिका अदब पैरवी में खारिज नहीं की जाएगी। न्यायालय में केवल जमानत याचिकाओं, अर्जेंट मामले की सुनवाई होगी तथा जजमेंट किया जाएगा। कैदियों को मंडल कारा से न्यायालय में उपस्थित के लिए नहीं लाया जाएगा। केवल उनका कस्टडी वारंट न्यायालय में आएगा और उन्हें अगली तारीख दे दी जाएगी। ज्यादा से ज्यादा मामलों में जेल से कैदियों की वीडियो कांफ्रेंसिग कराई जाएगी। अगर विशेष कार्य के लिए अनिवार्य होगा तब ही कैदी को न्यायालय में उपस्थित कराया जाएगा। जिला जज ने जेल अधीक्षक को कैदियों को करोना वायरस से बचाने एवं सुरक्षा का निर्देश दिया। न्यायालय परिसर के न्याय सदन में हुई बैठक में उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि न्यायालय परिसर में आवश्यक दवा, जांच की व्यवस्था, दवा छिड़काव पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि न्यायालय परिसर में अनाधिकृत प्रवेश किसी भी व्यक्ति का नहीं हो। केवल आवश्यक कार्य से ही व्यक्ति को ही न्यायालय परिसर में आने दिया जाए। उन्होंने अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि विशेष परिस्थिति में ही मुवक्किलों को न्यायालय में बुलाएं। अगर कोई विशेष कार्य न हो तो न्यायालय में ना आएं। उनके नहीं आने से उनके केस में किसी प्रकार का कोई खिलाफ आदेश 31 मार्च तक किसी भी न्यायालय द्वारा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने नगर निगम के पदाधिकारियों को भी सफाई का निर्देश दिया।
उन्होंने बताया कि न्यायालय द्वारा जगह-जगह साबुन एंटीसेप्टिक लिक्विड और पानी रखे जा रहे हैं ताकि न्यायालय परिसर में आए मुवक्किल, अधिवक्ता, कर्मचारी ्रहाथ धोएं। उन्होंने विशेष फौजदारी के मामलों में कहा कि किसी मुदालह की जमानत याचिका किसी भी परिस्थिति में न्यायालय में खंडित नहीं होगा।
Posted By: Jagran
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