वाहन टैक्स के बकाएदारों पर नीलाम पत्र वाद दायर

जिले के ऐसे वाहन मालिक जिन्होंने लंबे समय से अपने निबंधित वाहनों का टैक्स जिला परिवहन कार्यालय को जमा नहीं कराया है, उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है। संबंधित वाहन संचालकों पर विभाग की नजरें टेढ़ी हो गई है। कई पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है तो शेष की खोज-खबर ली जा रही है। वाहन संचालकों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है।

----------------
अब तक 235 पर हो चुकी है कार्रवाई
- विभागीय सूत्र बताते हैं कि टैक्स जमा नहीं करने वालों को चिन्हित कर बकाया टैक्स वसूलने की कार्रवाई शुरू की गई है। अबतक कुल 235 वाहन स्वामियों को चिन्हित कर नीलाम पत्र वाद दायर किया जा चुका है। कार्रवाई की जद में आने वाले सभी बड़े वाहनों के मालिक है। संबंधित लोगों द्वारा पिछले कई वर्षों से विभाग को टैक्स जमा नहीं किया गया था। जिन 235 लोगों पर नीलाम पत्र वाद दायर करने की कार्रवाई की गई है, उनपर विभाग का एक करोड़ एक लाख 10 हजार रुपये बकाया है। नीलाम पत्र वाद दायर होने के बाद तीन लाख आठ हजार 631 रुपये की वसूली विभाग कर सकी है। अब भी 98 लाख एक हजार 369 रुपये बकाया है। इस प्रकार के अन्य वाहन मालिकों की भी तलाश जारी है, जिनपर विभाग का टैक्स बकाया है।
किसानों ने फसल क्षति का मुआवजा मांगा यह भी पढ़ें
-------------------
क्या कहता है नियमावली
- नियम कहता है कि व्यावसायि वाहनों को हर वर्ष रोड टैक्स जमा कराना होता है। वाहन की फिटनेस टेस्ट भी समय-समय पर करानी पड़ती है लेकिन नियमित तरीके से वाहन स्वामी ऐसा नहीं करते हैं। इस दायरे में सर्वाधिक वैसे वाहन स्वामी होते हैं जो दूसरे प्रदेशों से पुरानी वाहन लाकर यहां निबंधन कराते हैं। एक बार निबंधन कराने के बाद ऐसे लोग दोबारा टैक्स जमा करना उचित नहीं समझते हैं। जानकार बताते हैं कि टैक्स जमा नहीं करने की मुख्य वजह होती है कि वाहन स्वामी पुरानी वाहनों को या तो बेच देते हैं या फिर उसके महंगे पार्ट-पुर्जे को ही अलग-अलग कर बेच दिया करते हैं। नियम कहता है कि वाहनों को सड़क से हटाने के पूर्व विभाग को यह बताना होता है कि वे वाहन को सड़क से हटा रहे हैं। जब ऐसा नहीं होता है तब विभाग साल दर सल टैक्स को जोड़ते चली जाती है।
फसलों को हुई क्षति का अधिकारियों ने लिया जायजा यह भी पढ़ें
-------------------------
पैकेजिग
कार्रवाई की जद में आने वाले कुल वाहनों की संख्या- 235
वाहनों से वसूली हेतु सन्नहित राशि- 10110000.00 रुपये
वाहनों से वसूल की गई राशि- 308631.00 रुपये
शेष वसूलनीय राशि-9801369.00 रुपये
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार