सहरसा। होली के अवसर पर डीएम तथा एसपी के संयुक्त निर्देश की अनदेखी नहीं की जाती तो पतरघट बाजार में घटित घटना पर रोक लग सकता था।
स्थानीय लोगों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग डीजीपी से की है। कई लोगों का आरोप था कि जिलाधिकारी तथा एसपी के संयुक्त निर्देश के अनुसार नौ मार्च से 11 मार्च तक बीडीओ दीपक राम तथा ओपी अध्यक्ष अजीत कुमार को प्रखंड मुख्यालय में रहना था। वहीं पतरघट बाजार चौक पर दंडाधिकारी सांख्यिकी अधिकारी राकेश रंजन तथा सअनि हरिशंकर चौधरी को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था। इसके बावजूद गोलीबारी की घटना हो गई। दोनों पक्ष में एक पक्ष के राहुल कुमार ने ओपी में दिए आवेदन में घटना का समय 10 मार्च की शाम पांच बजे तो पैक्स अध्यक्ष मुरली यादव की पत्नी विभा देवी ने 10 मार्च की शाम सात बजे का जिक्र करते हुए लूटपाट व गोलीबारी करने का एक दूसरे पर आरोप लगाया है जबकि उक्त स्थल से पुलिस ने तीन खोखे भी बरामद की है। दंडाधिकारी राकेश रंजन ने दिए आवेदन में दिनांक 11 मार्च को दिन के आठ बजे उपद्रवियों द्वारा गोलीबारी की घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराया है। स्थानीय लोगों की मानें कि जब प्रखंड मुख्यालय में बीडीओ दीपक राम तथा ओपी अध्यक्ष अजीत कुमार मौजूद थे तथा पतरघट चौक पर प्रतिनियुक्त अधिकारी राकेश रंजन तथा सअनि हरिशंकर चौधरी मौजूद थे तो घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। 11 मार्च को सुबह घटना घटी पुन: दिन के लगभग 12 बजे गोलीबारी की घटना घटी। स्थानीय लोगों द्वारा एसडीओ को सूचना दी गई तब पुलिस बल के साथ एसडीपओ प्रभाकर तिवारी पहुंचे तब मामला शांत हुआ।
Posted By: Jagran
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