शिवहर। शुक्रवार की सुबह अचानक से बादलों का घिरना और उसके बाद हुई बारिश ने एक साथ कई समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। एक साथ कई फसलों पर संकट के बादल घिर आए हैं फलत: उनकी चिता बढ़ गई हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. एसके राय ने बताया कि आज सुबह 3.75 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसका दुष्प्रभाव खासकर दलहन मसूर एवं अरहर के अलावा तेलहन की फसल सरसों आदि पर पड़ना तय है। वहीं आम की फसल जिसके मंजरों में फूल निकल आए हैं उसमें पराग बनने की प्रक्रिया बाधित होंगी। गेहूं की बाबत बताया कि अगात गेहूं जो हवा के झोंको से गिर गए हैं उसके उत्पादन में पंद्रह से बीस फीसद की कमी का अंदेशा है।
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प्रतिकूल मौसम में इस अनचाही बारिश का दूसरा असर शहर से गांव तक की सड़कों पर देखा जा सकता है। यत्र-तत्र कीचड़ एवं फिसलन होने से राहगीरों को आवागमन में खासी परेशानी हो रही है। शहर शिवहर में कई जगहों पर जलजमाव परेशानी का सबब बने हैं। मुख्यालय स्थित जगदीश नंदन सिंह पथ का फिर से बुरा हाल हो रहा है। बारिश का जमा पानी जिसके निकलने की कोई सूरत नहीं दिख रही आसपास के लोगों के लिए चिता का विषय है।
गनीमत है कि अपराह्न दो बजे के बाद धूप निकल आई है। बावजूद इसके बादलों की आवाजाही से धूप-छांव का खेल जारी है। अभी भी मुकम्मल तौर पर नहीं कहा जा सकता कि मौसम का मिजाज ठीक हो गया है।
Posted By: Jagran
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