बिहारशरीफ : तमाम आदेशों के बावजूद सहारा इंडिया बैंक अपने उपभोक्ताओं को मैच्युरिटी राशि अदा नहीं कर पा रहा है। अब तक फोरम ने कई मामलों में भगुतान का आदेश पारित किया गया। लेकिन आदेश अब तक बेअसर साबित हुए हैं। अधिकांश मामलों में बैंक चुप्पी साधे है। सहारा बैंक से संबंधित एक ऐसा ही मामला जिला उपभोक्ता फोरम पहुंचा। इस मामले में लहेरी थाना क्षेत्र के भैंसासुर निवासी अजय कुमार ने नईसराय स्थित सहारा इंडिया बैंक शाखा प्रबंधक को विपक्षी करार करते हुए 12 जून 19 को दावा भुगतान नहीं करने का मुकदमा दर्ज किया था। शिकायत की अर्जी सहित सम्पूर्ण साक्ष्य व बहस न्यायालय में परिवादी पक्ष से अधिवक्ता अरविद कुमार ने प्रस्तुत कियए थे। जिसके अनुसार परिवादी ने एक मैच्युरिटी और दूसरा प्री मैच्युरिटी की राशि भुगतान न करने की अलग-अलग शिकायत दर्ज की थी। जिसके अनुसार परिवादी ने 10 मार्च 08 को दस दस हजार रुपए के 5 फिक्स डिपोजिट दस साल की अवधि के लिए विपक्षी बैंक में जमा किया था। प्रत्येक की परिपक्वता राशि 31.60 हजार रुपए थी। कुल 1 लाख 55 हजार रुपए 11 मार्च 18 को विपक्षी को भुगतान करना पड़ा। वहीं दूसरे शिकायत में 22 माह एक हजार रूपये प्रति माह के हिसाब से कुल 22 हजार रूपये जमा किए थे। भुगतान का दावा करने पर विपक्षी ने कोई भुगतान नहीं किया। फोरम पीठ अध्यक्ष चन्द्रशेखर प्रधान व सदस्य अनीता सिंह ने साक्ष्य अवलोकन के बाद फैसला दिया की विपक्षी की घोर सेवा त्रुटी है। अत: 30 दिनों की अवधि में परिपक्वता अवधि की तिथि से कुल राशि 1 लाख 55 हजार रुपए तथा 22 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करे। वहीं दोनों की शिकायतों के तहत बाद व्यय तथा मानसिक प्रताड़ना के लिए कुल 15 व 10 हजार रूपये भुगतान करे। सह समय भुगतान न करने पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। वहीं पूर्व के एक अन्य रिकू देवी बनाम सहारा इंडिया मामले में फोरम द्वारा दिए गए गभुगतान आदेश को स्वीकार करते हुए विपक्षी सहारा इंडिया बैंक में शिकायतकर्ता के नाम से 85 हजार रुपए का चेक भुगतान के लिए फोरम कार्यालय में सौंपा। यह आदेश फोरम ने विपक्षी की सेवात्रुटि पर 16 अक्टूबर 2019 को दिया था।
चुनौतियों के बावजूद महज चार दिन हुई देर, इंटर की कॉपियों की जांच पूरी यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस