डॉक्टर बोले-
- फूड प्वाईजनिग की हो सकती है समस्या
- हो सकता है आंत्रशोथ
- स्मरण शक्ति को भी पहुंचती है क्षति
जागरण,संवाददाता सुपौल : जहर से मारी गई मछलियां स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं, फिर भी जहर से मछलियां मारी जा रही हैं। इसे खाने से लोग बीमारियों की जद में आ जाते हैं। इसका असर जलीय जीवों के साथ ही मनुष्य और पशुओं पर भी पड़ता है।
गौरतलब है कि मछली मारने के लिए लोग तालाब या पानी वाले अन्य जगहों में जहर डाल देते हैं। नदियों में तो जहर डालकर ही मछली मारी जाती है। पानी में जहर डालने का खामियाजा आदमी ही नहीं पशुओं को भी भुगतना पड़ता है। पशुओं का डाइजेस्टिव सिस्टम काफी प्रभावित होता है। पेट खराब हो जाता है सो अलग। दुधारू पशुओं द्वारा पानी पीने पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। डॉ. संजय कुमार मिश्र ने बताया कि इससे पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। फूड प्वाईजनिग की समस्या से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। बोले, आंत्रशोथ हो सकता है स्मरण शक्ति को भी क्षति पहुंचती है। देसी मछलियों की कमी का कारण भी पानी में जहर डाला जाना बताया जाता है।
Posted By: Jagran
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