होली का पर्व समाप्त हो गया है। होली में घर आए लोगों को रेलवे का सफर परेशानी का सबब बन गया है। हर पर्व के मौके पर जिला वासियों को इस तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। होली की छुट्टी में घर आए लोगों को अपने कार्यस्थल पर लौटने की बेचैनी है। लेकिन ट्रेनों में जगह नहीं मिल रहा है। आरक्षण व तत्काल टिकट तो मिलना दूर वेटिग टिकट पर भी आफत है। स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ दिखाई दे रही है। ट्रेनों में चढ़ने में मारामारी हो रही है। गेट पर झूल कर लोग यात्रा करने को विवश हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर-गया रेलखंड पर अवस्थित भभुआ रोड स्टेशन से प्रतिदिन 32 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं। होली के मौके पर रेल प्रशासन ने जिला के यात्रियों को निराश किया है। इस रेलखंड पर मात्र एक स्पेशल ट्रेन का परिचालन हो रहा है। जिसका भभुआ रोड स्टेशन पर ठहराव नहीं है। ऐसे में रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुखद यात्रा का दावा करने की बात बेमानी साबित हो रही है।स्टेशन के टिकट काउंटर पर यात्रियों की भारी भीड़ लग रही है। जिसमें दिल्ली व मुम्बई जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक है। ट्रेनों में वेटिग टिकट के लिए भी मारामारी है। महाबोधि एक्सप्रेस में चार सौ से अधिक वेटिग टिकट यात्री ले चुके हैं। यही हाल पुरूषोत्तम एक्सप्रेस का है। गया से खुलने वाली महाबोधि एक्सप्रेस में पैर रखने की जगह नहीं रहती। रेलवे के पदाधिकारियों के मुताबिक 18 मार्च के बाद ही यात्रियों को वेटिग वाला आरक्षण टिकट मिल पाएगा।
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दलालों की कट रही चांदी-
यात्रियों की मजबूरी का लाभ दलाल उठा रहे हैं। वे टिकट के निर्धारित किराया से तिगुना चौगुना पैसा लेकर यात्रियों को टिकट बेच रहे हैं। उसमें भी समय लग रहा है। आरक्षण टिकट के लिए भभुआ रोड स्टेशन के टिकट काउंटर पर मध्य रात्रि से ही यात्रियों की कतार लगनी शुरू हो जाती है। इसमें दलालों की भी संख्या कम नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग काउंटर के समीप रात भर डेरा डाले रहते हैं। लेकिन जब टिकट लेने की बारी आती है तो उन्हें निराशा हाथ लगती है। यात्रियों के काउंटर तक पहुंचते पहुंचते टिकट का समय खत्म हो जाता है। तत्काल टिकट के लिए 10 से 11 बजे का समय निर्धारित है। भभुआ रोड स्टेशन से प्रतिदिन एक या दो तत्काल टिकट ही निकल पाते हैं। इसमें इंटरनेट कि धीमी स्पीड बाधक बनती है। ऐसे में दूसरे जगह से ऑनलाइन टिकटों की बुकिग हो जाती है। भभुआ रोड स्टेशन पर आरक्षण टिकट के लिए चार काउंटर बनाए गए हैं। लेकिन सिर्फ एक काउंटर से आरक्षण टिकट मिलता है। इसके लिए सुबह आठ बजे से दिन के दो बजे तक का समय निर्धारित है। टिकट बुकिग का समय बढ़ाने के लिए कई वर्षों से यात्री मांग कर रहे हैं। कई मंत्री, सांसद व विधायक से भी यात्रियों ने गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक काउंटर से मात्र छह घंटे में कितना यात्री टिकट ले पाएंगे। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को मोहनियां आने में ही 10 बज जाता है। ऐसे में उनके पास इतना समय नहीं बचता की वे टिकट ले सकें। टिकट के लिए प्रतिदिन टिकट काउंटर पर यात्रियों में मारामारी होती है। जिससे अफरा-तफरी का माहौल रहता है। रेलवे के आला अधिकारी भी इस समस्या से अवगत हैं लेकिन यात्री सुविधाओं के प्रति वे भी गंभीर नजर नहीं आते हैं। तभी तो भभुआ रोड स्टेशन पर आरक्षण टिकट के लिए मात्र छह घंटे का समय निर्धारित है। मात्र एक काउंटर से टिकट मिलने के कारण यात्रियों की लंबी कतार देखी जाती है।आरक्षण टिकट का खेल भी अजीब है। मोहनियां में करीब आधा दर्जन ट्रैवल एजेंसियां है। सभी यात्रियों को तत्काल व आरक्षित टिकट दिलाने के लिए हाथ पांव मारती हैं। लेकिन ट्रेनों में जगह नहीं होने के कारण उन्हें भी निराशा हाथ लगती है। कुछ एजेंसी जो अधिक सक्रिय हैं वे मुगलसराय, गया या अन्य स्टेशनों से भी आरक्षण टिकट निकलवाने में कामयाब हो जा रही हैं। लेकिन आम यात्रियों को आरक्षण टिकट के लिए काफी फजीहत उठानी पड़ रही है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वे घर से अपने काम पर कैसे लौटें। जाहिर है कि कैमूर जिला के बहुत लोग दिल्ली मुंबई के अलावा अन्य राज्यों में सरकारी व गैर सरकारी नौकरी करते हैं। जो होली के मौके पर अपने घर आए हुए हैं। छुट्टी समाप्त होने के बाद उन्हें काम पर लौटने की मजबूरी है। ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के कारण उनके हाथ पैर बंधे हुए हैं। समय से अगर वे नहीं पहुंचते हैं तो तरह तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी।
क्या कहते हैं यात्री -
भभुआ रोड स्टेशन पर टिकट लेने आए बघिनी कला ग्राम निवासी प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें रायपुर जाना है। इसके लिए दो दिनों से आरक्षण टिकट के लिए टिकट काउंटर का चक्कर लगा रहे थे। ट्रेनों में जगह नहीं होने के कारण टिकट नहीं मिल रहा है। गुरुवार को तीन घंटे लाइन में खड़ा रहने के बाद भी टिकट नहीं मिल सका। मोहनियां थाना क्षेत्र के जिगिना ग्राम निवासी राजेश कुमार पांडेय ने बताया की उन्हें दिल्ली जाना है। महाबोधि एक्सप्रेस में चार सौ से अधिक वोटिग है। जिसके कारण टिकट नहीं मिल पा रहा है। ऐसी ही समस्या अन्य यात्रियों के साथ भी है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी -
इस संबंध में पूछे जाने पर भभुआ रोड स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक संजय पासवान ने बताया कि प्रतिदिन चलने वाली ट्रेनों में जगह नहीं है। एक स्पेशल ट्रेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय गया रेल पर परिचालन हो रहा है। जिसका भभुआ रोड स्टेशन पर ठहराव नहीं है। यात्रियों की भीड़ को देखकर काउंटर की संख्या बढ़ाई गई है। पर्व को लेकर आरक्षण टिकट लेने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इस रेलखंड पर काफी ट्रेनें हैं। इसके बावजूद ट्रेनों में जगह की कमी का यात्रियों को सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन पर ट्रेनें आती हैं तो उसमें सवार होने के लिए यात्री भागदौड़ करते हैं। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए जीआरपी व आरपीएफ के पदाधिकारी व जवान मुस्तैद रहते हैं। यात्री गेट पर ही झूल जा रहे हैं। ऐसे में दुर्घटना हो सकती है।
कहते हैं टिकट सुपरवाइजर-
मुख्य टिकट सुपरवाइजर बेनी प्रसाद मीणा ने कहा की टिकट काउंटर पर भारी भीड़ होने के कारण विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है। ट्रेनों में वेटिग टिकट की सीमा निर्धारित है। चार सौ वेटिग के बाद सिस्टम काम नहीं करता। महाबोधि एक्सप्रेस में 15 मार्च व पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में 18 मार्च के बाद ही वेटिग टिकट मिलना संभव होगा।
Posted By: Jagran
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