इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों का घट रहा विज्ञान विषय के प्रति रुझान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों का विज्ञान विषय के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर विज्ञान से संबंधित कई कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इंस्पायर अवार्ड, ओलंपियाड और बाल विज्ञान कांग्रेस सहित कई कार्यक्रम हैं। हालांकि हाई स्कूल और प्ल्स टू हाई स्कूलों में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में विद्यार्थी हिस्सा भी लेते हैं। इनके बेहतर परिणाम भी आ रहे हैं। लेकिन मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अधिकतर विद्यार्थी विज्ञान विषय की पढ़ाई करने से कतराते हैं। इस बात का स्पष्ट प्रमाण इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के आंकड़ों को देख कर लगाया जा सकता है।

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वर्ष 2020 में चल रहे इंटरमीडिएट के परीक्षा के आंकड़ों पर ध्यान दे तो स्पष्ट हो जाएगा कि विज्ञान की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या जरुरत से ज्यादा कम है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट के सैद्धांतिक परीक्षा के जिलावार आंकड़ों के अनुसार इस जिला में कुल परीक्षार्थियों की संख्या 8,067 है। लेकिन इनमें से विज्ञान की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या केवल 1,102 है। अगर विज्ञान विषय के पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या इसी प्रकार घटता रहा तो यह अवश्य ही चिता का विषय बन सकता है। सरकार द्वारा विद्यार्थियों को विज्ञान विषय के अध्ययन के प्रति उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें बाल वैज्ञानिक के राह पर अग्रसर करना है। जिससे कि स्कूली शिक्षा लेते समय ही विद्यार्थियों में वैज्ञानिक बनकर नए-नए खोज और आविष्कार करने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो सके।
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कोट - विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए हाई स्कूल और प्लस टू विद्यालयों में इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता कराए जाते हैं। इसके लिए उन विद्यार्थियों का चयन किया जाता है, जो विद्यार्थी विज्ञान की पढ़ाई में विशेष रूप से ध्यान देते हैं। इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति प्रोत्साहित करना है। इसके लिए विद्यार्थियों के बैंक खाता में दस हजार रुपये की राशि भेजी जाती है। इस राशि का उपयोग विद्यार्थी विज्ञान से संबंधित प्रोजेक्ट बनाने के लिए करते हैं। बेहतर प्रोजेक्ट बनाने वाले विद्यार्थी जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित होने वाले प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। हाई स्कूल और प्लस टू विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला के लिए सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। जिससे कि विद्यार्थी विज्ञान की पढ़ाई में विशेष ध्यान लगा सकें।
- कुंदन कुमार, डीईओ।
Posted By: Jagran
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