संवाद सहयोगी, किशनगंज : होलिका दहन होने के पश्चात मंगलवार को सुबह सात बजे से सड़कों पर रंगों और गुलालों से लोगों ने होली खेलना शुरू कर दिया । यह सामाजिक एकता का सबसे बड़ा पर्व है। इसमें मालिक-नौकर और छोटे-बड़ों के बीच का अंतर समाप्त हो गया। साथ ही समाज के सभी वर्ग के लोग एक दूसरे को रंग -गुलाल लगा कर एकता व भाईचारा का संदेश दिया। सड़कों पर ढ़ोल नगाड़ों के साथ युवाओं की टोली घूम घूम कर लोगों को रंग लगाते रहे। लोंगों ने भी रंग-गुलाल लगा कर टोली के युवाओं को मीठे पकवान और मिठाइयां खिलाई।
जीवन को रंगीन बनाने में रंगों का विशेष महत्व है। यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां और रंग भर देता है। जीवन को रंगीन बनाने के कारण इस पर्व को रंग महोत्सव भी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में होली पर्व मनाया जाता है। गली-मोहल्लों में बच्चों ने पानी में रंग घोल कर आने-जाने वाले लोगों पर रंग डालते रहे। दोपहर तीन बजे तक रंगों से होली खेली गई। सड़क और घर के आंगन रंगों से लाल-पीले हो गए। गांधी चौक, पश्चिमपाली चौक, डे-मार्केट, धर्मगंज चौक, गंगा बाबू चौक, चौपड़िया, फल चौक, सुभाषपल्ली चौक, पूरबपाली चौक और तेघरिया चौक पर रंग खेलने वाले युवा टोलियों का जमावड़ा लगा रहा।
ज्योतिरादित्य सिधिया के भाजपा में शामिल होने कार्यकर्ताओं में खुशी यह भी पढ़ें
इसके बाद संध्या पांच बजे से गुलाल की होली शुरू हुई। लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर गुलाल गलाए। बच्चे और युवाओं ने बड़ों के चरण पर गुलाल डाल कर आर्शीवाद लिए। वहीं बड़े-बुजुर्गों ने छोटों को उपहार स्वरूप गिफ्ट भी दिए। गुलाल की होली रात्रि दस बजे तक चलती रही। सुरक्षा के लिहाज से सड़कों और चौराहों पर पुलिस बल लगाए गए थे। जिससे कि किसी भी प्रकार की अनहोनी से समय रहते निपटा जा सके। प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी लगातार सड़कों पर गश्त लगाते नजर आए।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस