अररिया। होली के त्योहार के साथ इस माह जिले में पोषण का भी त्योहार मनेगा। राज्य के सभी जिलों की गलियों में 15 दिनों तक 'सही पोषण, देश रोशन', 'पोषण में मुस्कान है, स्वास्थ्य की पहचान है', पोषण है हम सब का आधार, संतुलित भोजन, स्वस्थ विचार' जैसे नारे गूंजेंगे और जीवन के प्रथम 1000 दिनों के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी पोषण पर अलख जगाने के लिए आठ मार्च से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान पोषण से संबंधित जन आंदोलन गतिविधियों का वृहद स्तर पर आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर आइसीडीएस निदेशक आलोक कुमार द्वारा जिले के डीएम को पत्र लिखकर विस्तार से दिशा निर्देश दिया है।
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होंगे विभिन्न कार्यक्रम आइसीडीएस के सहायक निदेशक श्वेता सहाय द्वारा बताया गया है कि आठ मार्च को जिले में विशेष गोदभराई का आयोजन कर पोषण पखवाड़े की अधिकारिक शुरुआत की जाएगी। इस पखवाड़े में आयोजित होने वाले विभिन्न पोषण गतिविधियों में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जाएगा। पोषण पर आम जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। पखवाड़े के दौरान जिले से लेकर सामुदायिक स्तर पर विभिन्न पोषण गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर जिले को पोषण कैलेंडर भी जारी किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पोषण त्योहार से व्यवहार परिवर्तन के लिए पोषण के पांच सूत्र दिये गए हैं। जिसमें जीवन के पहले 1000 सुनहरे दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है। पखवाड़े के दौरान पोषण के पांच सूत्रों पर विशेष जन-जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
विभिन्न विभागों की होगी सहभागिता: पोषण पखवाड़े को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभाग मिलकर सहयोग करेंगे। जिसमें समाज कल्याण विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीएचइडी एवं खाद्य सुरक्षा विभाग शामिल होंगे। आठ मार्च को जिला स्तरीय पोषण सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। जिसके दौरान पखवाड़े में होने वाले गतिविधियों एवं विशेषकर छह माह से दो वर्ष तक के बच्चों को घर में पका खाना खिलाने, भोजन में विविधिता सहित पोषण के महत्व पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।
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विशेष आयोजन होंगे आकर्षण का केंद्र :
पोषण पखवाड़े की शुरुआत आठ मार्च से होगी। इस विशेष आयोजन में इसमें गर्भवती महिला के साथ उनके पति को भी आमंत्रित किया जाएगा एवं उन्हें गर्भावस्था के दौरान जरुरी आयरन एवं कैल्शियम की गोली एवं पोषण के बारे में जागरूक किया जाएगा. साथ ही घर के खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व की महत्ता पर भी चर्चा की जाएगी। पखवाड़े के दौरान अन्नप्राशन दिवस, उपरी आहार अभ्यास दिवस एवं होली मिलन समारोह का आयोजन आकर्षण के केंद्र होंगे। जिसमें बेहतर पोषण से जुड़े अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन एवं उचित सलाह दी जाएगी। साथ ही खाना खिलाने एवं खाने से पूर्व तथा शौच के बाद साबुन से हाथ धुलने के अभ्यास पर जागरूक किया जाएगा।
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प्रमुख पोषण गतिविधियों का होगा मूल्यांकन : पोषण पखवाड़े के माध्यम से समाज में व्यापक जागरूकता एवं बेहतर परिणाम के लिए नयी पहल भी की जाएगी. पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले गोदभराई , अन्नप्राशन, पोषण मेला एवं पोषण प्रभात फेरी के मूल्यांकन के लिए लाभार्थियों की जरुरी राय एवं फीडबैक ली जाएगी ताकि ऐसे आयोजनों की गुणवत्ता में सुधार कर पोषण व्यवहारों का अभ्यास जन समुदाय द्वारा किया जा सके।
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इन प्रमुख गतिविधियों का होगा आयोजन
आयोजित पोषण पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा जिसमे ,पोषण मेला विशेष अन्नप्राशन दिवस,जिला स्तरीय पोषण सेमिनार, जिला स्तरीय अभिसरण बैठक,पोषण रैली/ प्रभात फेरी, होली मिलन सह गृह भ्रमण, ऊपरी आहार अभ्यास दिवस, हैंड वाशिग ( साबुन से हाथ धुलने का अभ्यास) माता समूह सह किसान बैठक, प्रखंड/पंचायत स्तरीय स्वच्छता गतिविधि शमिल है। कोट- पोषण पखवाड़े के आयोजन के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। और करीब 100 से अधिक कर्मियों द्वारा सभी प्रखंडों में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा - मदन मोहन प्रसाद सिंह, सीएस अररिया।
Posted By: Jagran
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