जहानाबाद : आवास सहायक के रूप में नियोजन के साथ ही 45 हजार रुपये के चक्कर में राकेश कुमार ने नौकरी गवां दी। जहानाबाद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आहर्ता के विरूद्ध चयन के आरोप में बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई। दरअसल जिले में पीएम आवास योजना का लक्ष्य में लगातार वृद्धि हुई लेकिन कार्य की रफ्तार मंद है। चालू वित्तीय वर्ष समाप्ति में महज 20 कार्य दिवस बचे हैं लेकिन मात्र 298 परिवारों को पक्का मकान का सपना पूरा हो सका।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10 हजार 708 लोगों को पक्का घर निर्माण करने का लक्ष्य दिया गया है। वित्तीय वर्ष के आरंभ में 5667 लोगों के लिए आवंटन मिला था। बीते फरवरी में 5041 अतिरिक्त आवास की स्वीकृति मिली। कुल 10 हजार 708 लोगों को पीएम आवास योजना से आच्छादित करना है। प्रथम चरण में लक्ष्य के विरुद्ध 5624 लाभुकों का चयन किया गया जिसमें 298 आवेदकों का मकान का सपना पूरा हुआ है। प्रथम किस्त के रूप में 5189 लाभुकों को उनके खाते में पैसे भी हस्तांतरण कर दिए गए हैं। करीब 1560 लोगों को द्वितीय तथा 399 लाभुकों को तीसरा किस्त भुगतान भी कर दिया गया है।
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प्रभारी उप-विकास आयुक्त सह पंचायत राज पदाधिकारी महफूज आलम के अनुसार आवास सहायक की इस योजना में बड़ी भूमिका है। पैसे का सदुपयोग की निगरानी से लेकर सही आहर्ता रखने वाले का चयन आवास सहायक के माध्यम से होना है। जिन लोगों को पैसा लेकर मंद गति से निर्माण करा रहे हैं उन्हें पर ग्रीन एवं रेड नोटिस जारी की जा रही है। यदि पैसे लेने के बावजूद लाभुक मकान का निर्माण नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध नोटिस जारी कर कार्रवाई की जा सकती है। योजना के तहत किस्तों में राशि भुगतान का प्रावधान किया गया है ताकि दुरूपयोग नहीं हो। आवास सहायक जब तक भौतिक सत्यापन कर अगली किस्त की अनुशंसा नहीं करते तब तक पैसा नहीं देना है। आवास सहायक द्वारा लापरवाही भी बरती जाती है। यही कारण है आवास सहायक राकेश कुमार को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
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Posted By: Jagran
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