स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए एनआइओएस द्वारा चलने वाला व एक वर्षीय पाठ्यक्रम अधर में लटक गया है। स्वास्थ्य में रूचि रखने वाले क्षेत्र के लगभग 250 सौ छात्र छात्रा छह हजार रुपये खर्च कर भटकने पर मजबूर हैं। छात्र रोहित कुमार, पवन, शंभु, राजीव नयन, धीरज, शिवम, विजया कुमारी, वर्षा कुमारी, कविता कुमारी सहित अन्य ने बताया कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान( एनआइओएस) द्वारा एक वर्षीय मेडिकल कोर्स के लिए जनवरी 2019 में ऑनलाइन आवेदन किया गया था। जिसमें प्रति छात्र 5050 रुपए बतौर शुल्क जमा किया गया है। उसके बाद अगस्त 2019 में संस्था द्वारा डाक के माध्यम से पुस्तक मुहैया कराते हुए पहचान पत्र भी जारी कर दिया गया। जिसमें स्थानीय सीएचसी का कोड जारी कर शिक्षण सह प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी की वजह से अभी तक प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया है। है। बार बार सीएचसी में जाने पर कर्मचारियों द्वारा टालमटोल कर दिया जाता है।
मोबाइल एप से दी गई बिजली कनेक्शन के बारे में जानकारी यह भी पढ़ें
इस बावत सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि एनआइओस द्वारा जारी आई कार्ड में दावथ सीएचसी का कोड है, लेकिन संस्थान से जारी लिस्ट में अधिकांश छात्र-छात्राओं का नाम नहीं है। जिन लोगों का लिस्ट में नाम है, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। इधर छात्रों की परेशानी यह है कि परीक्षा के लिए अप्रैल माह निर्धारित है, जबकि पढाई कहीं नहीं हुई है। इससे पूर्व के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा यहां प्रशिक्षण के लिए कोई चिठ्ठी नहीं आने की बात कही गई थी। जबकि नौ माह पूर्व संस्थान से जारी पत्र को विभाग के द्वारा गुमनाम फाइल में बंद कर दिया गया था। जब छात्रों व नए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा दबाव बनाया गया, तब प्रत्र की खोजबीन की गई।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस