दरभंगा। मैसूर स्थित भारतीय भाषा संस्थान, मैथिली साहित्य संस्थान पटना, महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय एवं इंटैक के दरभंगा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे मिथिलाक्षर व कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों में विशेष उत्साह रहा। कैथी लिपि के प्रशिक्षण के लिए रिसोर्स पर्सन के रुप में कल्पना कुमारी एवं डॉ. अवनींद्र कुमार झा ने भाग लिया। जबकि, मिथिलाक्षर के लिए निफ्ट पटना के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जयंत कुमार एवं इतिहासकार डॉ. अवनींद्र कुमार झा ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। दरभंगा जिले के आसपास के अन्य जिलों से आए हुए अमीन, अधिवक्ता, अधिवक्ता प्यून एवं जमीन से जुड़े हुए पेशेवरों में इस कार्यशाला को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। अनेक बुजुर्ग जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है, इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। बहेड़ी थानाक्षेत्र के पररी निवासी 83 वर्षीय बुजुर्ग प्रतिभागी गोविद किशोर ठाकुर ने बताया कि 1960 से वे मुकदमा लड़ते हैं। इस क्रम में मुझे कैथी लिपि को लेकर बहुत परेशानी होती है और कहीं प्रशिक्षण की व्यवस्था भी नहीं है। इसी तरह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पुर्तगाली भाषा के प्रो. अजय कुमार प्रसाद द्वारा दरभंगा आकर कैथी लिपि एवं मिथिलाक्षर प्रशिक्षण प्राप्त करना उत्साहवर्धक है। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. मंजर सुलेमान, डॉ. सुशांत कुमार, भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के सहायक निदेशक डॉॅ. नारायण चौधरी एवं दिनेश कुमार मिश्र, एनआरएलसी, लखनऊ के संरक्षण विशेषज्ञ प्रमोद कुमार पांडेय, आविष्कार तिवारी, आरुषि मेहरा, अनुपमा दास, चंद्र प्रकाश, गणपति नाथ झा वैद्यजी आदि अनेक गणमान्य लोग कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
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Posted By: Jagran
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