गोपालगंज : सदर प्रखंड के मेहंदिया के समीप गंडक नदी में नाव पलटने पानी में डूबने से गंभीर हालत में कोटवा गांव निवासी ऊषा देवी को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद घंटो शव पड़ा रहा। वाहन नहीं मिलने से शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया। सदर अस्पताल परिसर में खड़े निजी एंबुलेंस चालक शव को ले जाने के लिए पांच सौ रुपया स्वजनों से मांगने लगे। इसी बीच किसी ने इसकी सूचना जिलाधिकारी अरशद अजीज को दिया। सूचना मिलने पर सदर अस्पताल पहुंचे डीएम ने महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं होने को लेकर स्वास्थ्य प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने सदर अस्पताल में खड़ी की गई सभी एंबुलेंस चालकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया। इसके बाद वाहन में लाद कर महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
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इनसेट
मुजफ्फरपुर से पहुंची एसडीआरएफ की दो टीम
गोपालगंज : गंडक नदी में नाव पलटने के बाद नदी में लापता आठ लोगों की तलाश के लिए शनिवार की शाम चार बजे मुजफ्फरपुर से एसडीआरएफ की दो टीम सदर प्रखंड के मेहंदिया गांव पहुंची। यहां पहुंचने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने नदी में लापता हुए लोगों की तलाश शुरू कर दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक लापता लोगों का कुछ पता नहीं चल सका था।
बताया जाता है कि मेहंदिया गांव के समीप गंडक नदी में नाव पलटने की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी अरशद अजीज, एसपी मनोज कुमार तिवारी, एसडीपीओ उपेंद्र पाल मौके पर पहुंच कर स्थानीय गोताखोरों की मदद से नाव में सवार लापता आठ लोगों की तलाश शुरू कराया। लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। जिसे देखते हुए जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ की टीम को बुलाने का निर्देश दिया। इस निर्देश के बाद एनडीआरएफ की टीम तो मौके पर नहीं पहुंच सकी। लेकिन शाम को चार बजे मुजफ्फरपुर से एसडीआरएफ की दो टीम मेहंदिया पहुंच गई। यहां पहुंचने के बाद एसडीआरएफ की टीम ने नदी में लापता लोगों की तलाश शुरू किया। इसके साथ ही ग्रामीण भी जाल तथा गोताखोरों की मदद से लापता लोगों की तलाश करने में जुटे रहे।
Posted By: Jagran
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