जासं, छपरा: स्वास्थ्य योजनाओं तथा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में लापरवाही बरतने के आरोप में जिले के 17 प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों तथा स्वास्थ्य प्रबंधकों से स्पष्टीकरण का सिविल सर्जन ने शनिवार को आदेश दिया। दो दिनों में उनसे जवाब मांगा गया है।
उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यक्रमों तथा योजनाओं का कार्यान्वयन नहीं करने के मामले में स्पष्टीकरण पूछा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं देने वाले प्रभारियों का वेतन बंद करने एवं विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य प्रबंधक की संविदा समाप्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने का आदेश दिया है। साथ ही लंबित कार्यों को अविलंब पूरा करने का सख्त निर्देश दिया है। सिविल सर्जन ने बताया कि मासिक समीक्षा बैठक में पाया गया है कि मांझी प्रखंड में एंबुलेंस सेवा में सुधार नहीं हुआ है। संस्थागत प्रसव में वृद्धि नहीं हुई है। ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी कम पाई गई है। आरसीएच पोर्टल पर डाटा इंट्री का औसत काफी कम है। सुरक्षित मातृत्व जांच का कार्यान्वयन भी लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ है। इसी तरह मशरक प्रखंड में संस्थागत प्रसव काफी कम है। आरसीएच पोर्टल पर डाटा अपलोड करने का औसत असंतोषजनक है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के कार्यान्वयन में भी लापरवाही बरती गई है। रिविलगंज प्रखंड में आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनाने का कार्य लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ है। संस्थागत प्रसव में कमी आई है। ओपीडी के मरीजों का औसत भी कम है। सुरक्षित मातृत्व जांच भी लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ है। इसी तरह अमनौर में संस्थागत प्रसव तथा सुरक्षित मातृत्व योजना का कार्यान्वयन और असंतोषजनक पाया गया है। जबकि दरियापुर में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज के मरीजों के इलाज और संस्थागत प्रसव में कमी दर्ज की गई है। एकमा में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना तथा सुरक्षित मातृत्व जांच अभियान का कार्यान्वयन संतोषजनक नहीं है। गरखा में भी संस्थागत प्रसव तथा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का कार्यान्वयन संतोषजनक नहीं है। सोनपुर, बनियापुर, मढ़ौरा में संस्थागत प्रसव लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ है। तरैया में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का कार्यान्वयन संतोषजनक नहीं हुआ है। छपरा सदर प्रखंड में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज के मरीजों के इलाज तथा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के कार्यान्वयन में लापरवाही बरती गई है। लहलादपुर में गोल्डन हेल्थ कार्ड बनाने व संस्थागत प्रसव में प्रगति नहीं हुई है। एंबुलेंस सेवा में भी कमी आयी है। पानापुर में गोल्डन हेल्थ ई कार्ड बनाने, सुरक्षित मातृत्व जांच, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, संस्थागत प्रसव, ओपीडी मरीजों की संख्या तथा आरसीएच पोर्टल पर डाटा एंट्री का काम लक्ष्य से काफी पीछे है। मकेर, इसुआपुर तथा नगरा में गोल्डन हेल्थ ई कार्ड बनाने, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज, संस्थागत प्रसव, आरसीएच पोर्टल पर डाटा एंट्री लक्ष्य के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसके लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा स्वास्थ्य प्रबंधकों को जिम्मेवार मानते हुए कार्रवाई की गई है।
Posted By: Jagran
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