संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के एक लाख से अधिक आबादी के लिए स्थापित एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़-भपटियाही में लंबे समय से महिला डॉक्टर नहीं हैं। महिला डॉक्टर के नहीं होने से इस प्रखंड के कोसी प्रभावित गांव के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भौगोलिक रूप से दो भागों में बंटे इस प्रखंड की चार पंचायत कोसी नदी से घिरी है। वहां के लोग किसी आपातकाल की स्थिति में सीधे भपटियाही अस्पताल आते हैं जहां महिला डॉक्टर के नहीं होने के कारण महिला मरीजों को सुपौल, सहरसा, राघोपुर या फिर दरभंगा सहित अन्य जगहों पर ले जाने की मजबूरी बन जाती है। प्रखंड क्षेत्र के लोग लंबे समय से महिला डॉक्टर के नियुक्ति की मांग करते रहे हैं लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। हालात यह है कि अस्पताल पहुंचने वाली महिला मरीजों को छोटी-छोटी परेशानियों के लिए भी रेफर कर दिया जाता है। प्रसव पीड़ित महिलाओं की थोड़ी भी परेशानी देख अस्पताल से रेफर कर दिया जाता है। इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य डॉक्टरों का कहना है कि महिला रोगियों के बारे में वह सब बहुत कुछ नहीं बता सकते हैं। इस कारण एएनएम के दिशा-निर्देश पर ही चलना पड़ता है। अस्पताल में महिला मरीजों के स्वजन के साथ इस तरह की बात को लेकर कई बार विवाद हुआ है। इसकी जानकारी सिविल सर्जन सहित विभागीय अधिकारियों को भी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती और ना ही महिला डॉक्टर को नियुक्त किया जाता है।
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Posted By: Jagran
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