सीतामढ़ी। जिला परिषद अध्यक्ष व डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के बीच अधिकारों को लेकर चल रही खींचतान एक बार फिर उजागर हो गया। जिला परिषद के वित्त, अंकेक्षण एवं योजना समिति की गुरुवार को आहूत बैठक डीडीसी व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात कुमार के नहीं आने के कारण स्थगित हो गई। इस बाबत जिप अध्यक्ष उमा देवी ने कहा कि इस बैठक में विभाग से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं भेजे जाने, योजना की राशि की राशि का व्यय करने अनुदान मद की राशि का व्यय करने एवं प्रतिनिधियान मद की 20 फीसद राशि के व्यय आदि महत्वपूर्ण बिदुओं पर विचार करने के लिए आयोजित थी। कहा कि इस बैठक में उनके अलावा सभी सदस्य तथा विशेष आमंत्रित के रूप में निदेशक डीआरडीए, जिप के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी व जिला अभियंता भी उपस्थित थे। जिप अध्यक्ष ने कहा कि कई बार फोन करने के बावजूद अपराह्न 2.10 बजे तक मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नहीं आए तो 5 मार्च को बैठक आहुत करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर बैठक स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष ने कहा कि जिला परिषद में विभिन्न मदों में करोड़ों की राशि है जिसके व्यय पर इस बैठक में विचार होना था, लेकिन डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के इस रवैये के कारण लगता है कि कहीं पूरी राशि कहीं विभाग को वापस न हो जाएगा। इधर, इस संबंध में डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात कुमार ने कहा कि वे असेंबली प्रश्नों का ऑन लाइन जवाब देने तथा कोर्ट के कार्य में व्यस्त थे। इस कार्य के बाद जब तक जिला परिषद कार्यालय पहुंचे बैठक स्थगित हो चुकी थी।
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Posted By: Jagran
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