बक्सर। जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत रामपुर स्थित वार्ड नंबर 4 एवं 6, पवनी का वार्ड नंबर-9 समेत सिकरौल के कई वार्ड ऐसे हैं जहां सात निश्चय के अंतर्गत काम तो प्रारंभ कर दिया गया लेकिन, उसे पूरा नहीं किया जा सका। ये तो चंद उदाहरण हैं, अगर इस तरह के मामलों की तहकीकात की जाए तो जिले के हर प्रखंड में ऐसे मामले मिल जाएंगे जहां कार्य को बीच में ही छोड़ दिया गया है। सोचने वाली बात यह है कि काम को बीच में क्यों छोड़ा गया? जबकि, उसका आवंटन मौजूद है।
सूत्रों की मानें तो कमीशन के खेल में योजनाएं फेल हो जा रही हैं। अगर कमीशन नहीं मिल रहा है तो आगे के काम के लिए राशि निर्गत नहीं की जा रही है। चूंकि, मुखिया और पंचायत सचिव को ही सात निश्चय की योजनाओं में संयुक्त रूप से चेक काटने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में ये योजनाओं में खूब मोलभाव कर रहे हैं। बताया जाता है कि वार्ड में काम कराने वाले वार्ड मेंबर अगर निर्धारित कमीशन देने में देर कर रहे हैं या आनाकानी कर रहे हैं तो उन्हें योजना को पूरा करने के लिए अगली किश्त नहीं दी जा रही है। नतीजा यह हो रहा है कि उक्त योजना लंबित पड़ जा रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले में जो भी योजनाएं लंबित हैं, उनके मूल में कमीशन का ही खेल है। हालांकि, जिलाधिकारी अमन समीर ने इसे संज्ञान में लिया है। पिछले दिनों हुई प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में एक तरफ जहां उन्होंने लंबित योजनाओं को पूरा करने का फरमान सुनाया है। वहीं, अभिलेख की जांच के बाद ही भुगतान का भी आदेश दिया है। अब देखना है इन योजनाओं में सही तरीके से काम हो इसको लेकर जिलाधिकारी क्या रणनीति अपनाते हैं। बहरहाल, अनियमितता पर नकेल कसेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
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Posted By: Jagran
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