अनशनकारी बंदी के समर्थन में उतरे अन्य बंदी



सहरसा। अपनी मांगों को लेकर विगत दस दिनों से जेल में अनशन पर बैठे एक विचाराधीन बंदी का प्रशासनिक सुध नहीं लेने पर उसके समर्थन में पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत सैकड़ों बंदी आक्रोशित हो गये हैं। पूर्व सांसद समेत सैकड़ों बंदियों ने गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। गुरुवार को एक मामले में पेशी पर न्यायालय आये पूर्व सांसद ने पत्रकारों को बताया कि बिहरा थाना कांड संख्या 198/2019 में जेल में बंद विचाराधीन बंदी शिवेन्द्र साह अपनी कुछ मांगों को लेकर 18 फरवरी से आमरण अनशन पर हैं। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। प्रशासन का यह कार्य सरासर अमानवीय है। जेल में बंद अन्य बंदी अनशनकारी बंदी को तिल-तिल कर मरते नहीं देख सकते हैं। अगर एक मार्च तक कोई प्रशासनिक पहल नहीं हुई तो दो मार्च से जेल के सभी बंदी अनशन पर चले जाएंगे।
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31 साल पुराने मामले में बरी हुए पूर्व सांसद
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मारपीट को लेकर दर्ज 31 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन सहित दस लोगों को न्यायालय ने गुरूवार को बरी कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय शिवकुमार ने साक्ष्य के अभाव पूर्व सांसद सहित सुनील सिंह, सुधीर सिंह, रामविलास यादव, अनिल सिंह, ब्रह्मी यादव, मुन्ना मिया, मो. असलम, जंग बहादुर सिंह को बरी कर दिया।
Posted By: Jagran
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