उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में मंगलवार (25 फरवरी) को करीब 100 घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 21 ऐसे थे जिन्हें गोली लगी थी। एक नवयुवक ऐसा था जिसके सिर में ड्रिल मशीन घुसेड़ दी गयी थी। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। 19 वर्षीय विवेक चौधरी को जब जीटीबी अस्पताल लाया गया था, तब वह खून से लथपथ था। उसके सिर में बायीं तरफ मोटर ड्रिल मशीन से छेद कर दिया गया था और ड्रिल का वो हिस्सा उसके सिर में ही घुसा हुआ था। उसके दोस्तों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि विवेक मंगलवार की सुबह करावल नगर इलाके के शिव विहार की ओर जा रहा था, तभी उस पर दंगाइयों ने हमला बोल दिया।
विवेक चौधरी के दोस्त पारस ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों के झुंड ने विवेक से नाम पूछा फिर उससे आईडी की मांग की, जब इसकी जानकारी उसने नहीं दी तो भीड़ में शामिल एक शख्स ने ड्रिल मशीन उसके सिर में घुसेड़ दी। उसने बताया, "ड्रिल का करीब 1.5 इंच हिस्सा अभी भी विवेक के सिर में फंसा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी स्थिति काफी नाजुक है। वह अपने मां-बाप का इकलौता संतान है।"
जीटीबी अस्पताल में हिंसा के चपेट में आया 12 साल का एक बच्चा जैदी भी है। सातवीं क्लास में पढ़ने वाला जैदी मंगलवार की सुबह अपने छोटे भाई को देखने घर से बाहर निकला था। इस दौरान जब वह घोंडा चौक के पास सड़क पर गिरे किसी घायल की मदद कर रहा था तभी दूसरी तरफ से की गई फायरिंग में गोली उसके कमर में जा घुसी। इंडियन एक्सप्रेस को उसने बताया, "मैं जमीन पर गिर गया। मोहल्ले के दूसरे लड़कों ने दौड़कर मेरे घरवालों को इसकी खबर दी। फिर अस्पताल पहुंचाया।"
बाइक पर अस्पताल पहुंचे 45 साल के राजबीर के चेहरे पर गोली लगी है। उसके पड़ोसी हिमांशु पाल ने बताया, "राजबीर प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। वो अपने घर के बाहर बैठे थे। हमें पता नहीं कैसे क्या हुआ? हमलोगों ने गोली चलने की आवाज सुनी..थोड़ी ही देर में देखा कि राजबीर अपने दरवाजे पर ही जमीन पर गिरे पड़े हैं। उनकी पत्नी यह देखकर चिल्लाईं, तब हमने अपनी बाइक निकाली और फौरन उन्हें जीटीबी अस्पताल ले आया।"
जीटीबी अस्पताल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 15 मरीजों की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है, जबकि अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है।