दिल्ली के अशोक नगर में जो हुआ निश्चित रूप से वह नहीं होना चाहिए था, इसकी निंदा जरूर करनी चाहिए लेकिन इस कहानी के पीछे एक कहानी ऐसी भी है जो छुपाई जा रही है. पुलिस और प्रशासन की यह कहानी लोगों के सामने निकलकर जरूर आनी चाहिए जिससे यह पता लगे कि पुलिस सिर्फ आज भी इंसानियत को लेकर अपना काम कर रही है और पुलिस के जवान लगातार मुस्लिम बच्चों और मुस्लिम महिलाओं की जान बचाने के लिए आगे आकर लगातार सेवा में लगे हुए हैं.
अशोकनगर से इस तरीके की खबरें कल आई थी कि वहां पर एक मस्जिद में आग लगा दी गई थी और मस्जिद के ऊपर कुछ असामाजिक तत्वों ने चढ़कर वहां पर झंडा लगा दिया था.
मस्जिद में जब आग लगाई गई तो वहां पर काफी लोग मौजूद थे. मस्जिद के बगल में ही एक घर था जिसमें मासूम बच्चे फंसे हुए थे. पुलिस को जैसे ही यह खबर लगी कि मस्जिद में आग लगा दी गई है और उसमें मासूम बच्चे फंसे हुए हैं तो पुलिस तुरंत ही कार्रवाई में जुट गई.