जागरण संवाददाता, छपरा : मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना सरकारी दावे पर खरा नहीं उतर रही। हालात यह है कि जिले के कुछ पंचायतों में मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर आकार नहीं ले पा रही है। त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के बीच आपसी खींचतान और निचले स्तर के कर्मियों-अधिकारियों की मनमानी से इस योजना का हश्र भी अन्य योजनाओं की तरह होने जैसा प्रतीत हो रहा है। हालांकि इस बात को लेकर अब ग्रामीण भी मुखर होने लगे हैं। विरोध का स्वर आलाधिकारियों से लेकर सरकार के प्रतिनिधियों तक पहुंच रहा है। एक मामला नगरा प्रखंड की खैरा पंचायत का है। जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत की है कि उनके यहां नल-जल योजना एक वर्ष से ठप पड़ी है। वार्ड संख्या 4 के वार्ड क्रियान्वयन सह निगरानी समिति के सदस्य अनिल कुमार सिंह, भाग्यनाथ सिंह, पंच सीताराम सिंह, यशपाल राणा, अभिषेक कुमार सिंह, श्यामला सिंह, भुअर सिंह, अजीत सिंह, अशोक सिंह, आलोक कुमार, बोधनाथ सिंह, सिधु कुमार उपाध्याय, नंदकिशोर उपाध्याय आदि ने हस्ताक्षरित आवेदन सौंपा है। बताया है कि रामपुर कलां वार्ड चार में नल-जल योजना का काम करीब एक साल पहले शुरू हुआ था। लेकिन वार्ड सदस्य की मनमानी के चलते यह काम आज तक पूरा नहीं हुआ। योजना के ठप रहने से सैंकड़ों ग्रामीण शुद्ध पानी से वंचित हो रहे है। वहीं बगल के वार्ड 5 एवं 6 में महज तीन महीने पहले काम शुरू हुआ था और इसे पूरा करा लिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि वार्ड सदस्य इस बाबत पूछने पर कहता है कि योजना की राशि कमीशन देने में खत्म हो गई। राशि आएगी तब काम शुरू कराया जाएगा। ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए डीएम से मामले की गहन जांच की मांग की है। लोगों को चिता है कि आने वाले गर्मी के पहले घरों तक पानी नहीं पहुंचेगा तो फिर गंभीर जल संकट झेलना पड़ सकता है। यहां पहले भी जलस्तर गिरने के कारण जल संकट की नौबत आ चुकी है। इसे गंभीरता से देखने की आवश्यकता बताई गई है।
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Posted By: Jagran
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