गोपालगंज : मंगलवार को रिमझिम बारिश के बीच उत्तर प्रदेश की सीमा पर कुचायकोट प्रखंड के बथना कुट्टी में स्थित रामजानकी मठ में भक्ति की धारा बही। मौका था रामजानकी मठ में अति विष्णु महायज्ञ को लेकर निकलने वाली कलश यात्रा का। गाजे-बाजे के साथ रामजानकारी मठ से निकली कलश यात्रा रामायणना गांव होते हुए उत्तर प्रदेश के तरेया सुजान थाना क्षेत्र के सियाराहा गांव स्थित शिया तालाब तक पहुंची। जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश में जल भरा गया। हालांकि मंगलवार की हालांकि सुबह बारिश के कारण निर्धारत समय से थोड़े विलंब से कलश यात्रा निकाली गई। लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह और भक्ति भावना में कोई कमी नहीं दिखी। हजारों की संख्या में श्रद्धालु कलश यात्रा में शामिल होने के लिए समय से पूर्व ही यज्ञ स्थल पर पहुंचने लगे। महायज्ञ के आयोजक संत विशंभर दास महाराज की देखरेख में सुबह दस बजे विद्वान पंडितों के वैदिक मंत्रोचार व पूजा पाठ के बाद कलश यात्रा प्रारंभ हुई। विशंभर दास महाराज अपने कुछ शिष्यों के साथ भव्य रूप से सजाए गए रथ पर सवार हुए। रथ के पीछे पीछे बाजे गाजे के साथ कलश यात्रा आगे बढ़ती गई। बथना कुट्टी से उत्तर प्रदेश कुशीनगर जिले के तरेया सुजान के सियाराहा स्थिति ऐतिहासिक सिया तालाब तक श्रद्धालुओं के जयकारे से माहौल में भक्ति की धारा बहती रही। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इस ऐतिहासिक तालाब का जल कलश में भरा गया। यहां से कलश यात्रा एनएच 28 होते हुए यज्ञ स्थल पर वापस पहुंची। जहां विधि विधान से आचार्यों ने महायज्ञ का शुभारंभ किया। महायज्ञ के आयोजन से जुड़े अर्धेन्दु दास बाबू ने बताया कि पिछले वर्ष भी यहां महायज्ञ का आयोजन महराजश्री की देखरेख में कया गया था। इस बार 11 दिवसीय महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन प्रवचन और भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित होगा।
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Posted By: Jagran
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