उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में शुरू हुए दंगों को तुरंत काबू करने के लिए उच्चस्तरीय मंथन शुरू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम आला अधिकारियो को आपात कालीन बैठक के लिए बुलाया है.
दिल्ली हिंसा में अबतक एक हेड कांस्टेबल समेत कुल चार लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 6 पुलिसकर्मी घायल हैं जिनका मैक्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. मृतकों में हेड कांस्टेबल रतन लाल के अलावा शाहिद और फुरकान शामिल हैं. एक अन्य मृतक की पहचान नहीं हो पाई है.
इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके बताया है कि दिल्ली में हिंसा प्रभावित नॉर्थईस्ट जिले में कल स्कूलों की गृह परीक्षाएं नहीं होंगी. साथ ही सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे.
ट्रंप के स्वागत में व्यस्त थे मोदी-शाह
गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अहमदाबाद पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके परिवार के स्वागत समारोह में व्यस्त थे.
इसी बीच उन्हें दिल्ली के जाफराबाद, भजनपुरा, मौजपुर, दयालपुर, गोकुलपुरी इलाके में दंगे फैलने की खबर मिली. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार की रात में दिल्ली में ही ठहरना है. लिहाजा, ऐसे में राजधानी की छवि धूमिल होने से बचाने की जरूरत भी महसूस हुई.
आनन-फानन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में बिगड़े हालात को काबू करने की जिम्मेदारी खुद अमित शाह ने अपने हाथ में ले ली है.
आईएएनएस को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक, सोमवार को शाम ढले केंद्रीय गृहमंत्री ने आनन-फानन में एक आपात बैठक बुलाई. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला सहित दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी तरह से जल्दी से जल्दी हालात पर काबू पाएं.
'हालात पर पैनी नजर रखी जा रही'
उधर केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने देर शाम बताया, "उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालातों पर पैनी नजर रखी जा रही है. काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सतर्क रहने को कहा गया है. साथ ही अगर जरूरत महसूस हुई तो केंद्र सरकार अन्य कड़े कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी. हमारा मकसद हर हाल में शांति कायम करना है."
सूत्रों के मुताबिक, "केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, करावल नगर और भजनपुरा-गोकुलपुरी में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की भी अब नींद टूटी है. यह अलग बात है कि जब तक दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड़ में आई, तब तक एक बेकसूर हवलदार रतन लाल भीड़ की भेंट चढ़ चुके थे."
उल्लेखनीय है कि शनिवार-रविवार से धीरे-धीरे फैली दंगों की आग ने सोमवार को विकराल रूप धारण कर लिया. सीएए के विरोध और पक्ष में जुटी भीड़ आमने-सामने आ गई. दोनों तरफ से जमकर पथराव और फायरिंग हुई.
सोमवार को दोपहर बाद सीएए विरोधी भीड़ में से निकले एक युवक सीएए समर्थकों की भीड़ पर तमंचे से गोली चला दी, जिससे हड़कंप मच गया. गोली चलाने वाला युवक भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गोली एक युवक के पांव में लगी है. उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है.