अररिया। अधिकतर लोग सोचते है कि बीमा मकान, दुकान और इंसान आदि का ही होता है। मगर अधिकांश उपभोक्ताओं को ये पता नही है कि वह गैस सिलिंडर खरीदने के बाद प्रत्येक महीने एक तय राशि बीमा कराने के लिए गैस कंपनी को देते है। जिससे बीमा कंपनी प्रत्येक सिलिंडर का बीमा करती है और कोई दुर्घटना घटित होने पर बीमा का लाभ उपभोक्ता को मिलता है। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करे तो जिले में शायद ही कोई ऐसा उपभोक्ता होगा जिसे आज तक बीमा का लाभ मिला है।
जानकारी के अभाव, मेंटेनेंस के अभाव के कारण अधिकांश उपभोक्ता बीमा लाभ से वंचित हो जाते है। दूसरी ओर बीमा कंपनी को भी बिना कोई खर्च किये हर माह उपभोक्ताओं से बेहतर राशि प्राप्त हो रही है। इसलिए न तो बीमा कंपनी और न ही गैस कंपनी उपभोक्ता को इस संबंध में जागरूक करते है। कभी कभी पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेशानुसार अगर उपभोक्ताओं को जागरूक भी किया जाता है तो वो इस ओर ज्यादा ध्यान नही देते है। जिससे सिर्फ उपभोक्ताओं को ही घाटा का सामना करना पड़ता है। जब कभी उपभोक्ता के साथ कोई बड़ी घटना घटित होती है तो बीमा कंपनी मेंटेनेंस का बहाना बना सीधे अपना पल्ला झाड़ लेती है और उपभोक्ता हाथ मलते रह जाते है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन कुमार यादव ने बताया कि उपभोक्ता गैस सिलिंडर से हादसा होने पर बीमा क्लेम कर सकते हैं। साथ ही साथ उपभोक्ताओं को ये भी जानना चाहिए कि गैस सिलेंडर की एक एक्सपायरी डेट भी होती है। जागरूकता की कमी के कारण अधिकांश लोग सिलिंडर बिना एक्सपायरी डेट जांचे खरीद लेते है। गैस सिलिंडर से हादसा होने पर उपभोक्ता को कंपनी की ओर से 50 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है। बीमा के लिए चुकाया जाने वाला प्रीमियम उपभोक्ता की ओर से भुगतान की जाने वाली राशि में सम्मिलित होता है। लेकिन जानकारी के अभाव में उपभोक्ता इसका लाभ नहीं उठा पाते। मिली जानकारी के अनुसार गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 10 से 25 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है। इसके तहत गैस सिलिंडर से हादसा होने पर पीड़ित बीमा क्लेम कर सकता है। साथ ही, सामूहिक दुर्घटना होने पर 50 लाख रुपये तक देने का भी प्रावधान है। इसके लिए दुर्घटना होने के 24 घंटे के भीतर संबंधित एजेंसी और लोकल थाने को सूचना देनी होती है। साथ ही दुर्घटना में मृत्यु होने पर जरूरी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने होते हैं। इसके बाद मामला क्षेत्रीय कार्यालय और फिर क्षेत्रीय कार्यालय बीमा कंपनी को सौंप दिया जाता है।
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कैसे करें एक्सपायरी सिलिंडर की पहचान
गैस सिलिंडर की पट्टी पर ए, बी, सी, डी और 12, 13, 15 लेटर और नंबर की सहायता से एक कोड लिखा होता है। गैस कंपनियां वर्ष के कुल 12 महीनों को चार हिस्सों में बांटकर सिलिंडर का ग्रुप बनाती हैं। मसलन, 'ए' ग्रुप में जनवरी, फरवरी, मार्च और 'बी' ग्रुप में अप्रैल मई जून होते हैं। ऐसे ही 'सी' ग्रुप में जुलाई, अगस्त, सितंबर और 'डी' ग्रुप में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर होते है।
एक्सपायरी सिलिंडर मिलने पर लें एक्शन एक्सपायरी सिलिंडर मिलने पर उपभोक्ता एजेंसी को सूचना देकर सिलेंडर को रिप्लेस करवा सकता है। गैस एजेंसी के रिप्लेसमेंट से मना करने पर वह खाद्य या प्रशासनिक अधिकारी से शिकायत कर सकता है। इस सेवा में भी कमी दिखने पर उपभोक्ता फोरम में मामला दायर किया जा सकता है। अप टू डेट रखे सिलेंडर सिलेंडर पर बीमा राशि का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता सिलेंडर को अप टू डेट रखे। सिलेंडर लेते समय उसकी एक्सपायरी डेट की जांच करे, प्रत्येक दो महीने पर कनेक्शन की जांच कराएं। साथ ही शर्तों के तहत आपके घर में इस्तेमाल होने वाला गैस कनेक्शन वैध होना चाहिए। और आईएसआई मार्क वाले गैस चूल्हे का ही उपयोग होना चाहिए। गैस कनेक्शन में एजेंसी से मिली पाइप-रेग्युलेटर ही इस्तेमाल हो। गैस इस्तेमाल की जगह पर बिजली का खुला तार न हो। चूल्हे का स्थान, सिलेंडर रखने के स्थान से ऊंचा होना चाहिए। और किसी दुर्घटना होने पर तुरंत पुलिस और गैस कंपनी को इसकी सूचना देनी चाहिए।
Posted By: Jagran
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