आगामी 21 व 22 मार्च को बोधगया में अंतरराष्ट्रीय मगही सम्मेलन है। इसकी तैयारी को लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल पुस्तकालय हसपुरा में एक बैठक हुई। अध्यक्षता साहित्यकार प्रो. अलख देव प्रसाद 'अचल'ने की। मगही भाषा को विकास करने संबंधित विस्तार से चर्चा की गई। सभी ने अपने-अपने विचार प्रकट किए। भाषा के विकास के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया गया। अचल ने कहा कि बोधगया में अंतरराष्ट्रीय मगही सम्मेलन का आयोजन होना पूरे मगध प्रमंडल क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। सम्मेलन को तन मन धन से लगकर सफल बनाने की अपील की। मगही भाषा एक सरल व अच्छी भाषा बताया। कहा कि इसके उत्थान के लिए क्षेत्रवासियों को अहम भूमिका निभानी होगी, तभी इस भाषा की पहचान अंतराष्ट्रीय स्तर पर होगी। साहित्यकार शम्भू शरण शत्यार्थी, समुंदर सिंह ने कहा कि मगही भाषा पुरानी भाषा के साथ साथ मगध का गौरव रही है। इसीलिए उसकी ऊंचाई प्रदान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहिए। गांव-गांव में सम्मेलन में चलने के ग्रामीणों को प्रेरित किया जाए। मगही भाषा को बोल चाल के प्रचलन में लाने के लिए हमलोगों को ग्रामीणों को जागृत करना होगा। तभी हमारी भाषा का स्थान ऊंचाई की तरफ जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मगही सम्मेलन में इस क्षेत्र से अधिक संख्या में चलने का निर्णय लिया गया। कामाख्या नारायण सिंह, जितेंद्र कुमार चंचल, राजेश विचारक, ललित नारायण, चंद्रेश पटेल, रामपुकार सिंह समेत विभिन्न गांवों से मगही भाषा के प्रेमी उपस्थित रहे।
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Posted By: Jagran
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