अरवल । रामपुर चौरम में पिछले पांच दिनों से आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भगवान के जन्म के महत्व को बताते हुए कहा कि दुष्टों को दलन करने के उद्देश्य से विष्णु ने इस रूप में जन्म लिया था। उन्होंने कहा कि कंस का अत्याचार चरम पर था। लोग त्राहिमाम कर रहे थे। इस अत्याचारी कंस के अंत के लिए भगवान द्वारा पूरा विधान रचित हो गया था। जिसके तहत माता देवकी के गर्भ से कारागार में ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। स्वामी जी ने कहा कि भगवान के जन्म लेते ही अत्याचारी कंस के अंत की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। कारागार का मुख्य द्वार भी खुल गया और वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण को लेकर गोकुल पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब-जब इस धरती पर पाप बढ़ता है किसी न किसी रूप में भगवान का जन्म होता है। अपने कथा में स्वामी जी ने भगवान भोले शंकर तथा माता पार्वती की शादी के प्रसंग का भी चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भी प्रभू की विशेष लीला थी। इस आयेाजन को सफल बनाने में रौशन कुमार, राजकुमार, मदन शर्मा, उदय शर्मा, जयकुमार, रमेश शर्मा समेत अन्य लोग जुटे हुए हैं।
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Posted By: Jagran
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