जेपीयू के 12 कॉलेजों की एसएसआर रिपोर्ट नैक ने लौटाई

जागरण संवाददाता, छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों की नैक से ग्रेडिग की तैयारी को धक्का लगा है। क्योंकि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने इन कॉलेजों की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) को तकनीकी कारणों से अस्वीकृत कर दिया है। अब फिर से एसएसआर रिपोर्ट बनाकर नैक को भेजनी होगी। उसके बाद ही मूल्यांकन हो सकेगा। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर से अनुश्रवण समिति बनाया है ताकि अविलंब संशोधित एसएसआर रिपोर्ट बनाकर नैक को जमा की जा सके।

जेपी विश्वविद्यालय के 21 अंगीभूत एवं 10 संबद्ध कॉलेजों में मात्र छह कॉलेजों को ही नैक से ग्रेड मिला है। जबकि 12 कॉलेजों का नैक से मूल्यांकन की तैयारी है। हद तो यह कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय का भी नैक से अभी तक मूल्यांकन नहीं हुआ है।

कैसे होता है नैक मूल्यांकन :
नैक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की गुणवत्ता का विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करता है। संसाधन एवं परफार्मेंस के आधार पर नैक ग्रेड देता है। इसका फायदा कॉलेजों को यूजीसी से अनुदान प्राप्त करने में होता है। नैक मूल्यांकन के लिए जिन कॉलेजों ने अपनी स्थापना के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं या जिनके यहां डिग्री पाठ्यक्रम के दो बैच निकल चुके हैं वे आवेदन कर सकते हैं। सबसे पहले विवि या कॉलेज नैक को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) भेजता है। इसके बाद निर्धारित प्रोफार्मा पर आईईक्यूए (इंस्टीट्यूशनल एलिजिबिलिटी फॉर क्वालिटी एसेसमेंट) के लिए आवेदन करता है। इस पर नैक की सहमति मिलने के बाद छह महीने के भीतर कॉलेज को सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजनी होती है जिसमें कॉलेज की शैक्षिक, वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े समस्त विवरण का उल्लेख होता है। इसके बाद नैक की 'पीयर टीम' सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज का निरीक्षण करती है और ग्रेड प्रदान करती है। एसएसआर में क्या देनी होती है जानकारी :
कॉलेज जो सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार करता है उसे दो भागों में बांटा जा सकता है। पहले में आधारभूत सुविधाओं तथा दूसरे में शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल किया जाता है। आधारभूत ढांचे में कॉलेज की प्रोफाइल, वित्तीय सहयोग, मान्यता की स्थिति, लोकेशन, संचालित पाठ्यक्रम एवं विभाग, शैक्षिक लागत की जानकारी देनी होती है। शैक्षणिक गतिविधियों में कॉलेज का विजन, स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम, शुल्क, सेमेस्टर, वार्षिक या पार्टटाइम कोर्सेज, पांच वर्षो में शुरू किए गए कोर्स, सिलेबस रिवीजन, प्रोजेक्ट वर्क, अभिभावक, छात्रों या शिक्षाविदों से फीडबैक का सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया, क्वालीफाइंग मा‌र्क्स, शैक्षणिक कार्य दिवस, पदों की स्थिति, छात्र-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम, रेमेडियल एवं ब्रिज कोर्स, शोध कार्य, रिसर्च पब्लिकेशन, एनसीसी/एनएसएस आदि गतिविधियां, पुस्तकालय एवं उसमें शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति की स्थिति, पुस्तकों के प्रकार एवं संख्या, छात्रों का ड्रापआउट रेट, छात्रों के लिए वित्तीय सहयोग, सह शैक्षणिक गतिविधियां, परीक्षा परिणाम, नेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन, प्रशासन एवं नेतृत्व क्षमता आदि शामिल हैं। इनसेट :
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कॉलेजों को क्या करना है तैयार :
विजन : कॉलेज का अपना विजन एवं आब्जेक्टिव होना चाहिए तथा कॉलेज के महत्वपूर्ण स्थलों पर उसे प्रदर्शित किया जाए।
आधारभूत संसाधन : ऑनलाइन लाइब्रेरी, छात्रों के लिए रीडिग रूम, महिला शिक्षकों के लिए रेस्ट रूम, ग‌र्ल्स कॉमन रूम, विभागीय कक्ष, कैंटीन, पार्किंग, कंप्यूटर लैब आदि में सुधार।
शैक्षणिक गतिविधियां : हर शिक्षक का एनवल टीचिग प्लान, मंथली टीचिग रिपोर्ट, ट्यूटोरियल एवं एक्स्ट्रा क्लासेज, स्टूडेंट्स फीड बैक, आईटी तकनीक का प्रयोग, सभी छात्रों के लिए बेसिक कंप्यूटर शिक्षा।
सह शैक्षणिक गतिविधियां : खेल कार्यक्रम, एनसीसी/एनएसएस की गतिविधियां, पूर्व छात्र परिषद, अभिभावक-शिक्षक संघ, कैरीयर काउंसलिग सेल, छात्र समस्या समाधान सेल आदि का गठन।
डाक्यूमेंटेशन : सभी शैक्षणिक, सहशैक्षणिक गतिविधियों एवं उपलब्धियों का समुचित दस्तावेज तैयार करें जिसे नैक के समक्ष रखा जा सके। वर्जन :
12 कॉलेजों की एसएसआर रिपोर्ट को नैक ने तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया है। इकी चर्चा सीनेट की बैठक में भी हुई है। कॉलेज प्रशासन संशोधित एसएसआर रिपोर्ट बनाकर नैक को भेजेगा, उसकी तैयारी चल रही है।
डॉ. हरिश्चंद्र
जनसंपर्क पदाधिकारी,
जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
Posted By: Jagran
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