सदर अस्पताल के एसएनसीयू में नवजातों के इलाज का झूठा खेल उभरकर सामने आया है। दरअसल इसका पर्दाफाश तब हुआ है जब रजिस्टर और इलाजरत नवजातों का मिलान करवाया गया। गड़बड़ी पाए जाने के बाद अब इस मामले को स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीरता से ले रहा है। जल्द ही दोषियों खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसएनसीयू में यह खेल काफी दिनों से चल रहा है। इलाज के नाम पर डॉक्टर द्वारा हेल्दी नवजातों को बीमार बताकर एसएनसीयू में भर्ती कर दिया जाता है। इतना ही नहीं रजिस्टर में उसकी इंट्री भी कर दी जाती है। इससे दो कार्यों का संपादन एक साथ हो जाता है। एक तो संबंधित डॉक्टर के कार्य दिवस की उपस्थित दर्ज हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ एसएनसीयू में नवजातों के इलाज का ग्राफ भी मेंटेन रहता है। लेकिन, पटना से जांच को आई उच्चस्तरीय टीम ने इसकी कलई खोल दी है।
#img#रजिस्टर व नवजातों का तालमेल नहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार एसएनसीयू की विजिटिंग रजिस्टर तीन दिनों में बीस बीमार बच्चों के इलाज करने का दावा करता है। बकायदा सरेआम आंखों में धूल झोंकने के लिए उनके नाम व पता भी दर्ज किए गए हैं। लेकिन, गलती करने वालों को शायद नहीं पता कि उनकी यह गलती एक दिन पकड़ी जाएगी। चोरी पकड़े जाने के बावजूद इसके डॉक्टर इस तथ्य को स्वीकार करने से इंकार कर रहे हैं।
एसएनसीयू में हेल्दी बच्चे को भर्ती कराया पटना से एसएनसीयू की जांच को आए डॉ. आफताब ने बताया कि सीवान सदर अस्पताल को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं। इसकी जांच करने वे सदर अस्पताल आए। यहां उनके सामने ही एक अजीबोगरीब घटना घटी। ओपीडी में मरीजों को इलाज कर रहा एक डॉक्टर तीन किलो के एक हेल्दी नवजात को एसएनसीयू में भर्ती करने को भेज दिया। जब स्वस्थ बच्चे को देखने के बाद भर्ती करने का कारण पूछा गया तो डॉक्टर ने कहा कि इसे साइनोसिस है, भर्ती करना होगा।