प्रखंड क्षेत्र के पनियाडीह स्थित प्रसिद्ध बाबा ज्योतिषनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जब प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधियों से कोई सहयोग नहीं मिला तो ग्रामीणों ने बीड़ा उठाकर जनसहयोग से निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। निर्माण कार्य के लिए सरपंच अवधेश सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एक कमेटी बनाई है। जिसकी देखरेख में निर्माण कार्य किया जा रहा है। फिलहाल मंदिर परिसर के पुराने जीर्णशीर्ण(टूटे) हुए बरामदे के स्थान पर नया बरामदा बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए जनसहयोग से राशि इकट्ठी कर व आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था कर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
#img#मंदिर परिसर में पौधरोपण कर इसे हरा-भरा बनाने व पर्यावरण की रक्षा की कवायद की जा रही है। मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य अनिरुद्ध गुप्ता, राकेश कुमार सिंह, जनक सिंह, अरविन्द शर्मा, मुन्ना सिंह व अन्य ग्रामीणों ने मंगलवार को मंदिर परिसर में पौधरोपण किया। ग्रामीणों ने फलदार पौधे लगाए और पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया। मौके पर पूर्व जिला पार्षद नागेन्द्र उपाध्याय उर्फ डलडल बाबा, आलमगीर खां, व्यास कुंवर, हरिनारायण पांडेय, मदन महतो व अंगद महतो थे।
मंदिर के पर्यटक मानचित्र पर नहीं होने का मलाल भगवानपुर हाट। पनियाडीह के ज्योतिषनाथ ब्रह्म स्थान पर हर साल वसंत पंचमी के अवसर पर विशाल मेला का आयोजन होता है। इसमें दूर-दूर से निषाद समुदाय के श्रद्धालु शामिल होने आते हैं। यह निषाद मेला(मलाही मेला) के नाम से मशहूर है। निषाद समुदाय के लोगों के लिए आस्था का महत्वपूर्ण स्थल है। इसमें अन्य समुदायों के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मेले में शामिल होने के बावजूद इस मेले को राजकीय मेला घोषित नहीं किए जाने का लोगों को मलाल रहता है। यह अबतक बिहार के पर्यटक मानचित्र पर स्थापित नहीं हो सका है। चौदह वर्ष पहले मेले के उद्घाटन में आए तत्कालीन पर्यटन मंत्री रामप्रवेश राय, तत्कालीन सांसद जयनारायण निषाद व अन्य लोगों ने इस स्थान को पर्यटक केन्द्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशाला बनाने की भी घोषणा हुई थी। लेकिन चौदह वर्ष बीत जाने के बाद भी इसे लेकर कोई पहल होने से ग्रामीण अपने स्तर से जनसहयोग से इसके उद्धार के लिए प्रयासरत हैं।