डुमरांव, बक्सर। शहर में सफाई की कमान संभाल रहे शिवम स्वास्थ्य सर्वांगीण विकास नामक एनजीओ ने शराब के नशे में काम करनेवाले आधा दर्जन सफाई मजदूरों को काम से निकाल दिया है। एनजीओ का कहना है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद कुछ मजदूर अपनी आदत में सुधार नहीं ला रहे थे। लिहाजा, इन्हें काम से निकाल दिया गया है। दूसरी ओर, नगर परिषद के मजदूर कर्मचारी यूनियन ने इसे वेतन भुगतान से जुड़ा मामला बता विवाद को तूल दे दिया है।
यूनियन के अध्यक्ष धीरज कुमार का कहना है कि नगर परिषद मजदूर कर्मचारी यूनियन डुमरांव के सफाई मजदूर शनिवार को काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। जिसका प्रमुख कारण मासिक वेतन भुगतान नहीं करना है। फरवरी माह आधा बीत जाने के बावजूद भी सफाई मजदूरों को वेतन नहीं दिया गया। जिससे ये लोग भुखमरी के कगार पर खड़े हो गए हैं। यूनियन के अध्यक्ष ने बताया कि 13 जनवरी को ही कार्यपालक पदाधिकारी डुमरांव को पत्र देकर मांग की गई थी कि मजदूरों को मासिक वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाए। अन्यथा, यूनियन के मजदूर हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसकी सारी जिम्मेवारी नगर परिषद प्रशासन की होगी। दूसरी तरफ, एनजीओ संचालक का कहना है कि सफाई मजदूरों का मानदेय भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में आधा दर्जन सफाई मजदूरों को काम से निकाला गया है, जो काम के दौरान शराब के नशे में होते थे। कुछ अन्य मजदूरों को ड्यूटी के दौरान शराब पीने की शिकायतें मिली है, जिन्हें चेतावनी दी गई है। कोई भी मजदूर ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में पाया गया तो उसे काम से निकाल दिया जाएगा। बहरहाल, यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। आशंका है कि इस विषय पर विवाद अभी और गहराएगा।
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Posted By: Jagran
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