शिवहर। बदलते दौर में जहां कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य हो गया है। इसे बाजाप्ता पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है परंतु इसके पठन- पाठन की समुचित व्यवस्था नहीं है। शायद यही वजह है इंटर की जारी परीक्षा में बीते छह फरवरी को कंप्यूटर विज्ञान की परीक्षा में पूरे जिले में महज चार परीक्षार्थी नजर आए। गौरतलब हो कि जिले के किसी विद्यालय/महाविद्यालय में कंप्यूटर संबंधी पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। वहीं यह हाल तब है जब जिला शिवहर को सर्वप्रथम डिजिटल जिला का दर्जा दिया गया। संभवत: उक्त परीक्षार्थियों ने अपने स्तर से पढ़ाई की होगी। उक्त विषय की पढ़ाई की मौजूदा दौर में काफी अहमियत है। संसाधन उपलब्ध नहीं होने से प्रतिभाओं को मौका नहीं मिल रहा।
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यहां उल्लेखनीय है कि सरकार एवं विभाग ने आइसीटी के तहत वर्ष 2010 में चार विद्यालयों का चयन कंप्यूटर से पढ़ाई के लिए किया था। जिसमें मुख्यालय स्थित नवाब हाईस्कूल, प्रोजेक्ट गर्ल्स हाईस्कूल, पिपराही स्थित प्रोजेक्ट गर्ल्स हाईस्कूल एवं राम खेलावन जंगी हाईस्कूल कुशहर को केंद्र बनाया गया था। वहीं उक्त विद्यालयों में लाखों के कंप्यूटर उपकरण लगाए गए थे। वहीं संबंधित विषय के प्रशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की गई। बच्चों में जिज्ञासा चरम पर था कितु यह क्रम करीब दो साल चलने के बाद बंद हो गया। तब से इस अहम विषय की ओर से विभाग ने आंख मूंद लिया। वहीं उक्त सारे उपकरण हाथी के दांत साबित हो रहे है़। बेकार पड़े उन उपकरणों की देख- रेख भी एक समस्या बनी हुई है।
विद्यालय के छात्र-छात्राओं का कहना है कि आज भी अगर कंप्यूटर की पढ़ाई प्रारंभ की जाए तो अधिकांश विद्यार्थी पढ़ना चाहते हैं। व्यवस्था नहीं होने से जिज्ञासाओं का दमन करना पड़ता है। वर्जन:
मौजूदा वक्त में किसी विद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई नहीं हो रही। चयनित विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था जरूर संचालित है।
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कपिलदेव तिवारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिवहर।
Posted By: Jagran
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