सदर अस्पताल के पीपीटीसीटी केंद्रों में चल रही गतिविधियों का राज्यस्तरीय टीम ने शुक्रवार को अवलोकन किया। सदर अस्पताल में निरीक्षण के दौरान बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक आलोक कुमार सिंह और राज्य समन्वयक पीपीसीटी यूनीसेफ आशीष कुमार ने केंद्र के कार्यों से संतुष्ट दिखे।
सदर अस्पताल में केंद्र के निरीक्षण के मौके पर सहायक निदेशक ने कहा कि पीपीसीटी कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी बहुत ही अहम है। इस गतिविधि को इंटरनेट एवं सोशल मीडिया पर बढ़ावा देने हेतु हम साथी एप्लीकेशन का निर्माण किया गया है। जिससे युवा एवं आमजन आसानी से जागरूक होंगे साथ ही उन्हें जागरुकता प्रमाण पत्र भी निर्गत हो जाता है। युवा वर्ग जब माता-पिता बनेगा तो एचआईवी संक्रमण को आसानी से रोक सकेगा। साथ ही इस एप्लिकेशन से भारत सरकार के दिए गए लक्ष्य जिसके अंतर्गत एचआईवी संक्रमित मां से होने वाले बच्चे का संक्रमण को शून्य करना है। वहीं पीपीटीसीटी के राज्य समन्वयक आशीष कुमार ने बताया कि हम सभी को तीन मुख्य जिम्मेदारियां लेनी होगी । पहला स्वयं की एचआईवी जांच, दूसरा अपने घर में या आसपास की प्रत्येक गर्भवती महिला की एचआईवी जांच एवं तीसरा अपने आसपास के रिश्तेदारों समेत पड़ोसियों की एचआईवी जांच करवानी होगी। इन तीन कार्यों से हम एचआईवी संक्रमण को काफी हद तक रोक सकते है। साथ ही अपने घर की गर्भवती महिलाओं की जांच करवाएंगे और स्वयं का एचआईवी स्टेटस पता करेंगे और अपने आसपास के लोगों को भी एचआईवी जांच के करवाने के लिए उन्हें उत्प्रेरित करेंगे। राज्य समन्यवक ने कहा कि भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सभी को कंधे से कंधे मिलाकर कार्य करना है। एचआईवी संक्रमण को जीरो करने के लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी स्टेकहोल्डर को मिलकर कार्य करना होगा। निरीक्षण के दौरान पीपीटीसी केंद्र की परामर्शी प्रिया कुमारी और लैब टेक्निशयन अनुराग कुमार भी मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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