28 तक जरूर दें फीडबैक, तभी आपकी उम्मीदों की बनेगा स्मार्ट सिटी

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: कुछ माह पूर्व जब राजगीर के कन्वेंशन हॉल में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने स्मार्ट सिटी निर्माण को लेकर जनता से सीधी बात की तो लगा अब शहर के स्मार्ट बनने की राह इतनी मुश्किल नहीं रह गई। लोगों से मिले सुझाव पर विचार का आयुक्त का भरोसा भी मिला। लेकिन जनता से सीधी बात के बावजूद न तो परिवर्तन की बातें सामने आई न स्मार्ट सिटी निर्माण को गति ही मिल सकी। तमाम टेंडरों की प्रक्रिया और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए अफसरों की नियुक्ति लटकती रही।

एक बार फिर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने जनता को नई जिम्मेवारी सौंपी है। स्मार्ट सिटी को लेकर जनता की अनुभूतियों तथा उनके विचारों को अब संकलित किया जाएगा। ताकि शहरवासियों की सोच के अनुसार स्मार्ट सिटी की रूपरेखा गढ़ी जा सके। 28 फरवरी तक इसकी तिथि तय है। इस कारण ऑनलाइन फीडबैक जरूर दें, तभी आपकी उम्मीदों की स्मार्ट सिटी बन सकेगी।
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कई प्रश्नों के उत्तर के विकल्प स्पष्ट नहीं, एक बार फीड करने पर बैक जाना संभव नहीं
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शहरी मंत्रालय के आदेश पर जारी इस फीड बैक में कुल 21 ऐसे प्रश्न हैं, जिनका समुचित जवाब देना है। लेकिन इन प्रश्नों के उत्तर के लिए दिए विकल्प सीमित हैं तथा कई स्पष्ट त्रुटियां भी है। कई प्रश्नों में न का विकल्प ही नहीं है। जैसे प्रश्न 13 में पूछा गया है कि आपके शहर में यात्रा करना कितना किफायती या वहनीय है। इसके जवाब में पांच विकल्प हैं। जिसमें दो विकल्पों में बहुत किफायती या वहनीय का दुहराव है। प्रश्न: 19 में पूछा गया है- आपके शहर में रहन-सहन के खर्च पर विचार करते हुए, क्या आपको लगता है कि सम्मान जनक गुणवत्ता वाली जिदगी जीने के हिसाब से आपके घर की आमदनी उपयुक्त है? जिसके पांच विकल्प हैं: बहुत अधिक, थोड़ा अधिक, लगभग समान, थोड़ी सी कम, बहुत कम। अब सोचे यदि आपके पास गुणवत्ता वाली जिदगी जीने के हिसाब से आमदनी नहीं है तो आप किस विकल्प का चयन करेंगे। वहीं कई ऐसे प्रश्न हैं जिनके विकल्प अपने आप में असंतुष्ट करने वाला है। वहीं यदि एक बार इस फीडबैक को भर दिया जाए तो फिर उसमें परिवर्तन संभव नहीं है। ऐसे में लोगों की जुबान से यह बात सामने आने लगी है कि कहीं यह फीडबैक महज खानापूर्ति तो नहीं। वहीं प्रश्न 22: में शहर की हरियाली के बारे में पूछा गया है। शहर की हरियाली के आंकड़े सरकार के पास भी है। सरकार को मालूम है कि इस जिले का वन आच्छादित क्षेत्र का प्रतिशत मात्र 0.2 है। जो किसी भी हाल में जीवन के लिए उपयुक्त नहीं है।
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स्कूल, कॉलेज के छात्रों को फीड बैक की दी जा रही जानकारी
शहर के लोगों के विचारों को 28 फरवरी तक अपलोड कर लेना है। इसके लिए कॉलेज तथा स्कूलों के छात्रों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। ताकि उनके विचारों को स्मार्ट सिटी निर्माण में समाहित किया जा सके। फीड बैक भरने की प्रक्रिया काफी आसान है। गुगल में जाकर केवल ईओएल 2019 ओआरजी टाइप करना है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
इस संदर्भ में नगर आयुक्त सौरभ जोरबाल ने कहा कि शहरी मंत्रालय का फीडबैक शहरी मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है। जिसके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सबसे पहले शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात सुरक्षा तथा नागरिक सुविधा से संबंधित बातों को भारत सरकार के साइट पर लोड किया जाएगा। कल तक यह कार्य भी पूरा कर लेना है। क्योंकि अंतिम तारीख 9 फरवरी दी गई है।
Posted By: Jagran
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