पश्चिमी चंपारण। भारत सरकार के वित्तमंत्री के द्वारा केंद्रीय बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम के 10 फीसद शेयर के निजीकरण की घोषणा के बाद अभिकर्ताओं से लेकर कर्मियों तक का आक्रोश बढ़ता जा रहा। मंगलवार को एलआइसी कार्यालय के समक्ष जुटे अभिकर्ताओं ने इस घोषणा के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया और नारे लगाए। अभिकर्ताओं का आरोप था कि एलआइसी में निजीकरण के बाद विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा तथा हजारों परिवारों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। बबलू गुप्ता, देवशंकर मिश्र, भूषण मिश्र, लक्ष्मण चौधरी, धीरेंद्र कुमार यादव, अभिनंदन सिंह, विकास अधिकारी अशोक कुमार, विकास कुमार, नवलकिशोर प्रसाद, रजनीकांत प्रसाद, द्वारिका प्रसाद, दीपक कुमार, कर्मी धर्मशंकर सिंह, राजीव उरांव, केपी सिन्हा, सुरेश कुमार आदि ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो सभी कर्मी व अभिकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। उधर, कर्मियों के विरोध प्रदर्शन के कारण करीब दो घंटे तक एलआइसी कार्यालय में सभी कार्य बाधित रहे।
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Posted By: Jagran
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