अरवल : अब जहानाबाद मंडल कारा से कोर्ट में पेशी के लिए बंदियों को यहां लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अरवल में जेल का निर्माण कार्य पूरा करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसे लेकर निर्माण कार्य प्रगति पर है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर शनिवार को निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे अपर महाधिवक्ता प्रभात कुमार वर्मा ने वहां मौजूद भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया। कहा कि जेल नहीं रहने के कारण यहां सेशन न्यायालय का कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। जहानाबाद के काको मंडल कारा से कैदियों को लाने में परेशानी होती है। हालांकि उन्होंने जेल निर्माण में हो रहे विलंब की चर्चा करते हुए कहा कि पहले टेंडर में अहर्ता पूरा न होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया था इसे लेकर दोबारा टेंडर हुआ। इसके कारण निर्माण कार्य आरंभ होने में विलंब हुआ। वैजनाथ निर्माण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 23 करोड़ 55 लाख नौ हजार 843 रुपये की लागत से 18 महीने में पूरा करने के लिए इस जेल का निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। निर्माण कार्य में विलंब को लेकर पटना उच्च न्यायालय में अरवल के ही एक व्यक्ति द्वारा याचिका दायर किया गया था। इसे लेकर उच्च न्यायालय के निर्देश पर अपर महाधिवक्ता यहां जांच के लिए पहुंचे थे। अपर महाधिवक्ता के साथ वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा, जहानाबाद जेल अधीक्षक आरएस सुमन, गया के जेल अधीक्षक राजेश कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता अमृत राम, भवन निर्माण विभाग गया के कार्यपालक अभियंता, स्थानीय कार्यपालक अभियंता परमेश्वर सिंह, सहायक अभियंता मिथिलेश कुमार सिंह, कनीय अभियंता श्रीराम पासवान तथा निर्माण कंपनी के राकेश कुमार मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान निर्माण कंपनी के लोगों को कई आवश्यक निर्देश दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह स्थान जलजमाव का क्षेत्र है ऐसे में इसकी चारदीवारी की ऊंचाई तीन फीट बढ़ाने के साथ परिसर को इस तरह बनाएं कि जलजमाव की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। निर्माण कंपनी के लोगों ने अधिकारियों को आश्वस्त कराया कि निर्धारित समय अवधि के पहले ही जेल बनकर तैयार हो जाएगा।
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Posted By: Jagran
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