किशनगंज। प्रखंड के मजगामा, तेघरिया, बड़ीजान, कूटी, नजरपुर पुरन्दाहा समेत अन्य पंचायतों चार दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों के द्वारा प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से इसे लेकर बार बार शिकायत करने के बाद भी विभाग की ओर से अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया। राशि निकासी के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं किए जाने से ग्रामीणों में रोष है। जबकि प्रखंड के 150 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन नसीब नहीं हो पाई है। यह केंद्र आज भी झोपड़ीनुमा घरों में संचालित हो रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण को लेकर प्रशासन प्रयासरत है।
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भवनहीन केद्रों के भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने को लेकर बीते तीन वर्षों के अंदर प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों ने पंचायत कर्मियों व पंचायत निकाय के प्रतिनिधियों के साथ कई बैठकें आयोजित कर भवन बनवाने पर जोर दिया। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। लेकिन भवन निर्माण कार्य पूरा नही हो पाया। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में तीन दर्जन से अधिक भवन अधूरे पड़े हुए हैं। हालांकि ग्रामीण इस समस्या से प्रशासनिक पदाधिकारियों को बार बार अवगत कराते रहते हैं। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण में अभिकर्ता बनाए गए कई पंचायत सचिव का अब इस प्रखंड से तबादला भी हो चुका है। इसे लेकर तत्कालीन बीडीओ मृत्युंजय कुमार ने दो वर्ष पूर्व संबंधित पंचायत सचिव को नोटिस भी किया गया था।
Posted By: Jagran
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