खगड़िया। जिले में अबतक बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं। पटना में कौवों की मौत के बाद विभाग इसे लेकर सजग हुआ है। बर्ड फ्लू की चपेट में मनुष्य व पक्षी आते हैं। खगड़िया के सिविल सर्जन डॉ. डीके निर्मल ने कहा कि बर्ड फ्लू के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। जिले में इसकी शिकायत नहीं मिली है। यह वायरस के प्रभाव से होता है जो एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है। यह बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। इस वायरस का संक्रमण इंसानों और पक्षियों को अधिक प्रभावित करता है। बर्ड फ्लू इंफेक्शन मुर्गी, बत्तख आदि पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इससे इंसान और पक्षियों की मौत तक हो सकती है। जाने बर्ड फ्लू के लक्षण
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बर्ड फ्लू में बुखार, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में सूजन, दस्त होना या उल्टी सा महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, सांस लेने में समस्या, सांस लेने में परेशानी, आंख में समस्या हो सकती है। कैसे होते हैं लोग बर्ड फ्लू से प्रभावित
मुख्यत: यह संक्रमण मुर्गियों या अन्य पक्षियों में होता है। ऐसे प्रभावित पक्षियों के बेहद निकट रहने से यह संक्रमण फैलता है। मुर्गी के अलावा अन्य प्रजाति के पक्षियों से डायरेक्ट या इंडायरेक्ट संपर्क में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस फैलता है। आदमी के शरीर में यह वायरस आंख, मुंह और नाक के जरिये अंदर जाता है। बर्ड फ्लू के प्रभाव से बचने के लिए बरतें सावधानियां
बर्ड फ्लू के प्रभाव से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। इसके लिए यह ध्यान रखना चाहिए कि मरे हुए पक्षियों से दूर रहें। अगर आपके आसपास किसी अकारण किसी पक्षी की मौत हो जाती है, तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें। जिस क्षेत्र में बर्ड फ्लू है वहां मांसाहार भोजन न खाएं। जहां से चिकन या मटन खरीदते हों वहां सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है या नहीं यह जांच लें। अधिक प्रभावित वाले क्षेत्र में यथासंभव मास्क का प्रयोग करने का प्रयास करें। जानें बर्ड फ्लू का इलाज
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बर्ड फ्लू वायरस के प्रभाव से होता है। जिसे लेकर इससे प्रभावित मरीज को एंटीवायरल ड्रग दिया जाना आवश्यक है। मुख्यत: ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) और जानामिविर (रेलेएंजा) दवा दी जाती है। इस वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए मरीज को पूरी तरह आराम करना चाहिए। पौष्टिक भोजन के साथ अधिक से अधिक लिक्विड भोजन करना चाहिए। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में न फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए।
Posted By: Jagran
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