सहरसा। जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिए 27 जनवरी से 4 फरवरी तक जिले के सभी प्रखंडों में अभियान चलाया जा रहा है। जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. रवींद्र कुमार ने कहरा प्रखंड के बलहा गांव में अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि संदिग्ध कालाजार व पीकेडीएल के रोगियों की जांच कर निशुल्क एवं पूर्ण इलाज ससमय मुहैया करायी जाएगी। 159 गांव को किया गया चिन्हित डॉ. रवीन्द्र कुमार ने कहा कि इस अभियान में जिले के 159 गांव को चिन्हित किया गया है। चिन्हित कालाजार प्रभावित गांवों में घरों की संख्या कुल 50227 है, जहां कुल 167 आशा जाकर संदिग्ध कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी। साथ ही बताया साल 2018 में जिले में कुल 109 कालाजार के केस थे जो घटकर दिसंबर 2019 में कुल 66 हो गयी। सभी प्रखंडों को दिये गए निर्देश
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केयर इंडिया के डीपीओ नासरीन बताया कार्यक्रम का अनुश्रवण आशा फैसिलिटेटर, बीसीएम, केटीएस द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की निगरानी में किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा 2020 के अंत तक कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से 6600 रुपए तथा भारत सरकार से 500 रुपए की राशि मिलती है। क्या है लक्षण
कालाजार के लक्षण 15 दिन से अधिक बुखार लगना, भूख नहीं लगना, खून की कमी ये सब कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। नजदीक के अस्पताल में जाकर इसकी जांच कर सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर दवा खाएंगे। मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजेश कुमार, केटीएस एवं जनप्रतिनिधि अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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