संवाद सहयोगी, लखीसराय : सुरक्षित प्रसव कराने को लेकर सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रसव कराने के लिए प्रसव पीड़िता को ऑक्सीटॉसीन इंजेक्शन देने पर पाबंदी है। विशेष परिस्थिति में चिकित्सक की सलाह पर ही प्रसव पीड़िता को ऑक्सीटॉसीन इंजेक्शन दिया जाना है। परंतु सदर अस्पताल सहित विभिन्न पीएचसी में बच्चा का जल्दी जन्म कराने के लिए नर्स द्वारा चिकित्सक की सलाह के बिना ही गर्भवती महिला को ऑक्सीटॉसीन इंजेक्शन दिया जा रहा है। इससे दम घुटने से जन्म के पूर्व ही नवजात के मरने का खतरा बना रहता है। साथ ही प्रसूता के जान को भी खतरा बना रहता है। ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले को दबा दिया जाता है। 20 जनवरी 2020 की रात सलौनाचक निवासी रामजीवन साव की पत्नी कंचन कुमारी को प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में तैनात नर्स द्वारा जल्दी प्रसव कराने के लिए कंचन कुमारी को ऑक्सीटॉसीन इंजेक्शन दिया गया। इस कारण प्रसव के बाद उन्हें काफी मात्रा में रक्तस्त्राव होने लगा। काफी मशक्कत के बाद प्रसूता की जान बचाई जा सकी। इसको लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह द्वारा सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में ड्यूटी पर तैनात चार ए-ग्रेड नर्स एक ममता कार्यकर्ता एवं एक आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि इसके लिए दोषी नर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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Posted By: Jagran
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