किशनगंज। लगातार चल रही बर्फीली हवा व शीतलहरी चलने से लोग एकबार फिर हाड़ कंपा देने वाली ठंड के चपेट में आ गए हैं। इस कनकनी भरी ठंड से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। अब लोगों के लिए अलाव ही एकमात्र सहारा है। अंचल प्रशासन की ओर से इस भीषण ठंड के बावजूद चौक-चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं किया गया है। हाटबजारों व चौक-चौराहों पर राहगीरों को ठिठुरते देखा जा रहा है।
एकबार फिर से मौसम के अचनाक करवट लेने से शीतलहरी व सर्द पछुआ हवा में जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। लगातार चल रही बर्फीली हवा से हाथ पैरों में कनकनी महसूस होने लगी है। जिस कारण लोग अपने घरो में ही दुबके रहना ज्यादा मुनासिब समझते है। ठंड का असर इंसान तो इंसान जानवरों व परिदे पर भी देखा जा रहा है। कुहासे व शीतलहरी चलने से वाहनों के रफ्तार मे भी ब्रेक लग गया है। विभिन्न चौक चौराहों पर लोगों को मजबूरन रद्दी कागज व पुराने कपड़ों को जला कर ठंड से निजात पाने की प्रयास करते देखा गया।
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आदिवासी टोला कटहलबाड़ी में अलाव जलाकर आग ताप रहे ग्रामीण शांति हेम्ब्रम, नंनलाल सोरेन, राजन सोरेन, लाली बेसरा, लोगदी हास्दा व अविनाश बेसरा ने बताया कि गत तीन-चार दिनों से सर्द हवा व शीतलहरी चलने से ठंड का प्रकोप अधिक बढ़ गया है। जिस कारण हमलोग मजदूरी करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं। वहीं छत्तरगाछ मुखिया अबुल कासिम, कोल्था मुखिया अब्दुल तवाब, बुढ़नई मुखिया प्रतिनिधि मो. अंजुम, पुर्व मुखिया मीरपाशा इमाम ने अंचल प्रशासन से तैयबपुर, चिचुआबाड़ी चौक, गलगलियापुल, डांगीबस्ती, छत्तरगाछ, ग्योरामाड़ी, अर्राबाड़ी, खरखड़ी, पनासी खानकाह चौक, रतवा चौक तथा दामलबाड़ी आदि सर्वजनिक स्थलों व चौक-चौराहो पर अलाव जलाने सहित गरीब बेसहारा लोगों के बीच कंबल वितरण करने की मांग की है।ताकि लोगों को कंपकपाती ठंड से राहत मिल सके।
Posted By: Jagran
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