चाहे वह सरकारी अस्पताल हो या फिर नर्सिंग होम। वहां पर अब यौन उत्पीड़न से मरीजों का अब निशुल्क इलाज होगा। अगर ऐसा न करने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसे ले सरकार ने डीएम व सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आदेश पर अमल कराने का निर्देश दिया है।
सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने बताया कि यौन अपराध से प्रभावित मरीजों का समय से इलाज व चिकित्सीय परामर्श मिले, इसे ले दिशा निर्देश जारी किया गया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष आदेश निर्गत किया है। आदेश सरकारी व निजी दोनों तरह के अस्पतालों पर लागू होगा। जहां पर चिकित्सकों को नि:शुल्क इलाज करना है। ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अस्पताल के प्रभारी पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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Posted By: Jagran
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