दरभंगा। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक जल संरचनाओं का उड़ाहीकरण एवं सौंर्दयीकरण का कार्य जिला में तेजी से किया जा रहा है। दिसंबर 2019 तक प्राप्त प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि 891 अतिक्रमित सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के विरूद्ध 362 संरचनाओं को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है। बताया कि जल जीवन हरियाली पोर्टल पर सुदूर संवेदन प्रणाली से जिला में कुल 7201 जल संचयन संरचनाओं की संख्या बताई गई है। इसमें से एक एकड़ से अधिक रकबा वाला तालाब व पोखरों की संख्या 2872 एवं एक एकड़ से कम रकबा के तालाब और पोखरों की संख्या 501 है। सरकार के निर्देशानुसार, एक एकड़ से अधिक रकबा के तालाब व पोखरों का जीर्णोद्धार लघु जल संसाधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। दरभंगा जिला में एक एकड़ से अधिक एक जल संरचना का जीर्णोद्धार किया गया है और 33 तालाब व पोखरों का उड़ाहीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ है। एक एकड़ से कम रकबा वाले तालाब और पोखरों का जीर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा है, इसमें से 202 तालाब व पोखरों का जीर्णोद्धार पूर्ण हो गया है। वहीं, जिला में 854 सार्वजनिक कुंआ चिन्हित किए गए है, इनमें 121 शहरी क्षेत्र में एवं 733 ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित है। शहरी क्षेत्र के दो एवं ग्रामीण क्षेत्र के 36 कुंओ का जीर्णोद्धार करा दिया गया है। जल जीवन हरियाली अभियान के तहत भू-गर्भ जलस्तर को नियंत्रित करने की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। जिला में जैविक खेती एवं टपकन सिचाई प्रणाली को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसमें 20 एकड़ भूमि में जैविक खेती की जा रही है एवं 152 एकड़ भूमि में लगे फसलों की सिचाई में टपकन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। विद्युत ऊर्जा की खपत में कमी करने एवं वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में भी कार्रवाई शुरू की गई है। जिला में अवस्थित कुल 3428 सरकारी भवनों में से सात भवनों में सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
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Posted By: Jagran
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