बिहारशरीफ। पत्नी की हत्या के दोषी पति को जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश राम प्रताप स्थाना ने भादस की धारा 304बी तथा 201 के तहत दस वर्ष कारावास तथा पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। पांच हजार अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी जाएगी। अभियोजन पक्ष से सजा निर्धारण पर एपीपी सुनील कुमार सिन्हा ने सुनवाई के दौरान बहस की थी। कुल 5 गवाहों का परीक्षण किया गया था। मृतका पिकी की मां सह मामले की सूचिका उमा देवी के फर्द बयान पर आरोप दर्ज किया गया था। मृतका का मायका नूरसराय थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव है। उसकी शादी पटना जिले के भदौर थाना क्षेत्र के कादीचक गांव निवासी आरोपी राजीव चौहान के साथ मई 02 में हुई थी। शादी की बातें तय होने के बाद आरोपी मोटरसाइकिल की मांग करने लगा। समझा-बुझाकर शादी हो गई। परन्तु आरोपी अपनी मांग पर अड़ा रहा। मांग पूर्ति न होने पर गाली-गलौज और मारपीट करने लगा। अत: 22 जुलाई 06 को अचानक मृतका के परिवार वालों को खबर मिली कि एक महिला का शव हरनौत थाना के पचौरा खंधा में फेंका हुआ है। अज्ञात शव मानकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया। सूचक के प्रार्थना पर शव को निकाला गया जिसके बाद पहचान पिकी देवी के रूप में हुई। इस मामले के अन्य आरोपी कौशलेन्द्र, रामविलास, सुरेश, नंदू, चंपा व काबो देवी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था।
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Posted By: Jagran
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