सहरसा। जिन शराब तस्करों को बचाने में उत्पाद निरीक्षक को जेल जाना पड़ा अब वो भी लपेटे में आ सकते हैं। पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है और उन्हें आरोपित बनाया जा सकता है।
शराब तस्करों से मिलीभगत को लेकर जांच के बाद आइजी उत्पाद के निर्देश पर सदर थाना में उत्पाद अधीक्षक जमाल अशरफ, उत्पाद निरीक्षक फैयाज आलम, एसएसआई पर नामजद प्राथमिकी सदर थानाध्यक्ष के बयान पर दर्ज कराई गई है। इस मामले में जहां उत्पाद अधीक्षक फरार हैं वहीं उत्पाद निरीक्षक व एएसआइ पुलिस के हत्थे चढ़ गये और न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया है। मामले की हुई जांच में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि 13 अक्टूबर 2019 को एक ट्रक से शराब की बरामदगी की गई थी। जिसके बाद उत्पाद विभाग ने कई शराब तस्करों के नामों का खुलासा मीडिया के समक्ष किया था। लेकिन जब प्राथमिकी दर्ज की गई तो चार लोगों को आरोपित नहीं किया गया। यही नहीं ट्रक का नंबर भी बदल गया और तो और जिसकी मामले में गिरफ्तारी की गई उसे 16 अक्टूबर को न्यायालय में पेश किया गया। इसके अलावा जांच में अन्य कई बातें सामने आने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। वैसे, थानाध्यक्ष राजमणि कहते हैं कि मामले का अनुसंधान किया जा रहा है। अगर उत्पाद विभाग द्वारा बचाए गये लोगों की भूमिका सामने आती है तो वो भी आरोपित बन सकते हैं। कारनामों को लेकर चर्चा में रहा है उत्पाद विभाग सहरसा: अपनी कारगुजारियों को लेकर हमेशा उत्पाद विभाग के निरीक्षक व अधीक्षक चर्चा में रहते थे। चर्चाओं की मानें तो कुछ माह पहले महिषी थाना क्षेत्र से दो लोगों को उत्पाद विभाग ने गिरफ्तार किया। दोनों के पास से गांजा की बरामदगी हुई थी। जिस कारण मामला एनडीपीएस एक्ट का दर्ज हो सकता था। गिरफ्तार आरोपितों ने सेटिग-गेटिग की फिर दोनों की गिरफ्तारी गांजा की जगह शराब के साथ पकड़े जाने को दिखा दिया गया। हाल में बनगांव थाना क्षेत्र में शराब की बरामदगी एक कार से उत्पाद विभाग ने की थी। चर्चा यह हुई कि कार में दो देशी पिस्तौल भी था। परंतु मामले को रफादफा कर दिया गया और सिर्फ शराब दिखाई गई। इससे पहले उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें यह कह रहे थे कि गांजा बेचे के लाइसेंस दिए हैं बेचो। हालांकि इस ऑडियो या अन्य चर्चाओं पर पुलिस निरीक्षक सीधे मुकर गये थे। वरीय अधिकारी भी जांच की जहमत नहीं उठाई जिस कारण मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। अब जब प्राथमिकी व गिरफ्तारी हो गई है तो कई अन्य खुलासे हो सकते हैं। एक व्यक्ति पर भी पुलिस की नजर उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर के करीबी माने जाने वाले एक व्यक्ति पर पुलिस विभाग की नजर है। सूत्रों की मानें से वह व्यक्ति कहने को तो प्राइवेट चालक था। परंतु उसकी विभाग में काफी पैठ थी। जिस कारण उसी के माध्यम से लेनदेन होता था। इसकी ऐसी पकड़ थी कि बड़ा से बड़ा काम सेटिग होने पर तुरंत करा देता था। हालांकि पुलिस उसके संबंध में भी छानबीन कर रही है।
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Posted By: Jagran
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