बक्सर: केंद्रीय कारा में रह रहे एक कैदी की स्थिति बिगड़ जाने से कारा कर्मियों के हाथ पांव फूलने लगे। बताया जा रहा है कि, उक्त कैदी को हार्निया की बीमारी है जिसके ऑपरेशन के लिए बार-बार ले जाने के बावजूद उसके द्वारा इंकार कर दिए जाने पर उसे केंद्रीय कारा में ही रखा गया है। जहां अचानक से उसकी हालत खराब हो गई तथा उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। आनन-फानन में उसे पीएमसीएच भेजा गया जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
इस संदर्भ में कारा उपाधीक्षक सतीश कुमार सिंह ने बताया कि, कैदी का नाम जज यादव है तथा वह भभुआ का रहने वाला है। उसकी उम्र तकरीबन 75 वर्ष है तथा उसे हार्निया की बीमारी है। तकरीबन एक वर्ष पूर्व जेल के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा था कि पटना भेजकर उसका ऑपरेशन करा दिया जाए। जिसके बाद मेडिकल टीम गठित कर उक्त कैदी की जांच की गई तथा टीम की अनुशंसा पर उसे पटना केंद्रीय कारा भेजा गया, जहां उक्त कैदी ने घर में शादी होने का बहाना कर कुछ दिनों बाद ऑपरेशन कराने की बात कही जिसके बाद उसे पुन: वापस ले आया गया। इसी बीच दो-तीन दिन पूर्व उसकी तबीयत फिर से खराब होने लगी इसके बाद उसका इलाज स्थानीय स्तर पर कराने के बाद उसे दोबारा ऑपरेशन के लिए पीएमसीएच भेजा गया जहां उसने अब की बार भी ऑपरेशन से इंकार कर दिया तथा यह बहाना बनाया कि, वह सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन नहीं कराना चाहता है। क्योंकि उसे जान का भय है लाख समझाने के बाद नहीं मानने पर उसे पुन: बक्सर ले आया जा रहा है। साथ ही इस संदर्भ में उसके परिजनों को भी सूचना दे दी गई है। बता दें कि, इसी माह की 1 तारीख को जेल में दो कैदियों की मौत के बाद कारा प्रशासन कैदियों के स्वास्थ्य तथा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर काफी सतर्क है। इसी बीच आरा जेल में बंद कुख्यात नक्सली नेता प्रमोद सिंह की मौत के बाद जेल प्रशासन और भी सतर्क हो गया है।
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Posted By: Jagran
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